लाइफ पार्टनर : बचिए ऐसे पार्टनर से
बैनर : बर्मावाला ब्रदर्स, स्टूडियो 18निर्माता : अब्बास बर्मावाला, मस्तान बर्मावाला, हुसैन बर्मावाला निर्देशक : रूमी जाफरी संगीत : प्रीतम कलाकार : फरदीन खान, जेनेलिया डिसूजा, तुषार कपूर, प्राची देसाई, गोविंदा, अनुपम खेरशादी को लेकर कई हास्य और भावनात्मक फिल्में बॉलीवुड में बन चुकी हैं और एक बार फिर निर्देशक रूमी जाफरी ने इस पुराने विषय पर ‘लाइफ पार्टनर’ को बनाया है। अरेंज मैरिज ठीक है या लव मैरिज? यह सवाल ऐसा है जिस पर अंतहीन बहस की जा सकती है। इसी सवाल की चर्चा फिल्म में भी है। फिल्म का एक दोस्त लव मैरिज करता है और दूसरा अरेंज मैरिज। तीसरा दोस्त शादी के खिलाफ है और अदालत में लोगों के तलाक करवाता है। उसका शादी नामक संस्था पर बिलकुल भी यकीन नहीं है। फिल्म की कहानी उम्दा है, जिस पर एक बेहतरीन हास्य या भावनाओं से भरी फिल्म बनाई जा सकती है, लेकिन स्क्रीनप्ले ने मामला गड़बड़ कर दिया है। कई लोगों को यह बात अखर सकती है कि इस गंभीर विषय को हल्के-फुल्के अंदाज में निपटाया गया है। कॉमेडी भी ऐसी नहीं है कि हँसते-हँसते बुरा हाल हो जाए। अधिकांश दृश्य बड़े बोर करते हैं और समझ में नहीं आता कि इन पर कैसे हँसा जाए। स्क्रीनप्ले लेखक के साथ-साथ निर्देशक रूमी जाफरी भी इस फिल्म को बोर बनाने के लिए जिम्मेदार है। उनके निर्देशन में धार नजर नहीं आई और न ही वे ड्रामे को मनोरंजक बना पाए। वो तो भला हो फिल्म के कलाकारों का, जिनके अभिनय के कारण फिल्म में थोड़ी बहुत रूचि बनी रहती है। गोविंदा ने अपना किरदार अच्छे से निभाया है, लेकिन उन्हें अब टाइट टी-शर्ट पहनने से बचना चाहिए क्योंकि उनका शरीर इसके अनुरूप नहीं है।
जेनेलिया डिसूजा जब-जब पर्दे पर आती है, अच्छा लगता है। फरदीन खान ने आश्चर्यजनक तरीके से अच्छा अभिनय किया है। प्राची देसाई और तुषार कपूर ने भी अपने किरदार बेहतरीन तरीके से निभाए हैं। फिल्म का संगीत अच्छा है। गानों की उचित तरीके से पब्लिसिटी नहीं की गई है, वरना इनमें हिट होने की काबिलियत है। कुल मिलाकर ‘लाइफ पार्टनर’ में हँसने के मौके कम और बोर होने के ज्यादा है।