• Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. फिल्म समीक्षा
Written By समय ताम्रकर

चीनी कम : मिठास ज्यादा

चीनी कम आर बालाकृष्णन्
निर्माता : सुनील मनचंदा
निर्देशक : आर बालाकृष्णन्
संगीत : इल्याराजा
कलाकार : अमिताभ बच्चन, तब्बू, परेश रावल, जोहरा सहग

IFM
हिन्दी फिल्मों में अब परंपरावादी फार्मूलाबद्ध फिल्में बनना धीरे-धीरे कम हो रही हैं और नए कथानक सामने आ रहे हैं। आर बाल्की की फिल्म ‘चीनी कम’ दो प्रेमियों की कहानी है। समस्या है तो दूल्हा और दुल्हन के उम्र के बीच के अंतर की। दोनों को इस पर कोई ऐतराज नहीं हैं, लेकिन दुल्हन के पिता को है।

‘नि:शब्द’ में भी उम्र के अंतर को दिखाया गया था। लेकिन जहाँ ‘नि:शब्द’ गंभीर किस्म की फिल्म थी, वहीं ‘चीनी कम’ हल्की-फुल्की फिल्म है। इसमें उम्र के अंतर के साथ स्वभाव के अंतर को भी दर्शाया गया है।

बुद्धदेव (अमिताभ बच्चन) लंदन में एक रेस्तरां का मालिक होने के साथ-साथ शेफ भी है। वह अपनी 85 वर्षीय माँ के साथ रहता है। खड़ूस किस्म के स्वभाव वाले बुद्धदेव का दुनिया में केवल एक दोस्त है सैक्सी। सैक्सी की उम्र 9 वर्ष हैं और वह उसके पड़ोस में रहती है।

34 वर्षीय नीना (तब्बू) हरदम मुस्कुराने वाली महिला है। बुद्धदेव और नीना मिलते हैं और इतने सारे अंतर होने के बावजूद प्यार कर बैठते हैं। बुद्धदेव नीना के पिता ओमप्रकाश वर्मा (परेश रावल) से नीना का हाथ मांगने जाता है। नीना के पिता की उम्र 58 वर्ष हैं। यानि की वे अपने होने वाले दामाद से 6 साल छोटे हैं।

फिल्म का पहला हॉफ सुस्त है। कई दृश्यों में दोहराव हैं, लेकिन बाद में फिल्म गति पकड़ लेती हैं। कई दृश्य और संवाद ऐसे हैं जो आम दर्शक को पसंद न आए लेकिन बुद्धिजीवी दर्शक इसे पसंद करेंगे। असल में फिल्म का निर्माण ही बुद्धिजीवी वर्ग के लिए किया गया है।

अमिताभ फिल्म की जान है। एक खड़ूस शेफ की भूमिका को उन्होंने बड़ी सफाई के साथ निभाया है। तब्बू शानदार अभिनेत्री हैं और एक बार फिर उन्होंने यह साबित किया है। परेश रावल और जोरा सहगल भी किसी से कम नहीं है।

निर्देशक बाल्की का यह पहला प्रयास है। उन्होंने कई हल्के-फुल्के दृश्य बखूबी पेश किए हैं। लेकिन हर दृश्य पर पकड़ बनाने की कला उनको सीखना होगी। इल्याराजा का संगीत ‍फिल्म के मूड के हिसाब से है।

इस फिल्म का निर्माण मल्टीप्लैक्स जाने वाले दर्शकों के लिए किया गया है और वे इस फिल्म को जरूर पसंद करेंगे।