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एमएस धोनी आधारित फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण नीरज पांडे

एमएस धोनी आधारित फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण नीरज पांडे - Neeraj Pandey, MS Dhoni- The Untold Story, Baby, Special 26, Samay Tamrakar, Hindi Film
एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी को देखने का सबसे बड़ा आकर्षण फिल्म के निर्देशक नीरज पांडे हैं। बहुत कम समय में नीरज ने एक अच्छे निर्देशक के रूप में पहचान बनाई है, लेकिन उन्हें वो श्रेय नहीं दिया जा रहा है जिसके वे हकदार हैं। उनसे कम बेहतर फिल्म बनाकर कई निर्देशक सुर्खियों में बना रहते हैं। शायद नीरज खुद मीडिया से दूर रह कर अपना काम करना पसंद करते हों और अपनी सारी ऊर्जा अपने काम में लगाते हों।
 
वर्ष 2008 में बिना किसी चर्चा के नीरज की 'ए वेडनेस डे' प्रदर्शित हुई। फिल्म का कंटेंट, अभिनय और निर्देशन इतना उम्दा था कि फिल्म सफल हो गई जबकि फिल्म के लीड कलाकार युवा नहीं थे। इसी फिल्म से नीरज ने सबका ध्यान खींचा। इसके बाद उन्हें अक्षय कुमार जैसे सितारे का साथ मिला और 'स्पेशल 26' तथा 'बेबी' जैसी उम्दा फिल्में नीरज ने बनाईं। 
नीरज द्वारा तीनों निर्देशित फिल्मों को देखा जाए तो एक बात 'कॉमन' लगती है। सरकारी मशीनरी के कार्य शैली को वे अति सूक्ष्मता के साथ दिखाते हैं। ऐसा लगता है मानो नीरज ने वर्षों तक सरकारी दफ्तरों में सेवाएं दी हों। 'ए वेडनेस डे' में उन्होंने पुलिस की कार्यशैली को दिखाया। अनुपम खेर ने इस फिल्म में मुंबई पुलिस के कमिश्नर के किरदार को निभाया था। नीरज ने उनके किरदार को ऐसा पेश किया कि लगा दर्शक कंट्रोल रूम में बैठे हों। 
 
'स्पेशल 26' में सीबीआई ऑफिसर्स के कामकाज को प्रमुखता से दिखाया गया। इसमें कुछ नकली ऑफिसर्स छापे मारते हैं और असली ऑफिसर्स उन्हें ढूंढते हैं। सरकारी कर्मचारी अपनी सुस्ती के लिए जाने जाते हैं, लेकिन नीरज की फिल्म में कमाल की चुस्ती होती है। 'बेबी' में उन्होंने सीक्रेट मिशन के जरिये दिखाया कि सुरक्षा अधिकारी किस तरह से काम करते हैं। 
 
नीरज द्वारा निर्देशित चौथी फिल्म 'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' है। इस फिल्म का विषय उनकी पिछली फिल्मों से हट कर है। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी पर बायोपिक उन्होंने बनाई है। खेल और खिलाड़ी फिल्म का विषय है। नीरज ने अपना चिर-परिचित मैदान को छोड़ा है। 
 
गौर किया जाए तो उनकी पिछली तीन फिल्मों की प्रेरणा उन्होंने वास्तविक घटनाओं से ली। हकीकत के रेशे में कल्पना के रेशे बुनकर उन्होंने पेश किए। धोनी में ऐसा करना मुश्किल है क्योंकि धोनी की हकीकत से सब वाकिफ हैं। उसी घटनाक्रमों को परदे पर रोचकता के साथ पेश करना नीरज के लिए चुनौती है। ये देखना दिलचस्प होगा कि धोनी की कहानी किस तरह उन्होंने पेश की है। 
 
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