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Written By प्रज्ञा मिश्रा
Last Updated : शनिवार, 27 मई 2023 (12:34 IST)

Cannes Film Festival: केन लोच की आखिरी फिल्म 'द ओल्ड ओक' की हुई स्क्रीनिंग

Cannes Film Festival: केन लोच की आखिरी फिल्म 'द ओल्ड ओक' की हुई स्क्रीनिंग | Ken Loachs last film The Old Oak Screening in Cannes Film Festival
Photo credit : Twitter
Cannes Film Festival: शुक्रवार की शाम केन लोच की फिल्म 'द ओल्ड ओक' की स्क्रीनिंग के साथ 2023 के कान फिल्म फेस्टिवल की कॉम्पीटीशन फिल्मों की लिस्ट खत्म हुई। 86 साल के केन लोच की यह फिल्म एक तरह से उनकी सोशल फिल्मों की ट्रायोलॉजी का तीसरा और आखिरी हिस्सा है। इससे पहले 'आई डेनियल ब्लेक' और 'सॉरी वी मिस्ड यू' आम लोगों और उनकी जिंदगी की कहानी दिखाती हैं।
 
दो पाम डी'ओर अवार्ड जीतने वाले केन लोच अपनी आखिरी फिल्म भी अवार्ड की दावेदारी के साथ कान फिल्म फेस्टिवल लेकर आए हैं। वो कहते हैं कि अब याददाश्त और नज़र दोनों कमज़ोर हो चली हैं इसलिए अब यह आखिरी फिल्म है। दस साल पहले ही लगा था कि यह डायरेक्टर अब काम नहीं करेंगे लेकिन यूके के राजनीतिक हालात बिगड़ते ही चले जा रहे थे। 
 
अब ऐसे में उनके जैसा डायरेक्टर नहीं बोलेगा तो और कौन बोलेगा? बस यही ख्याल आई डेनियल ब्लेक का शुरूआती बीज  था। और उसके बाद हर तीसरे चौथे साल केन लोच की नई फिल्म सामने आ जाती है। कागज़ों पर जो उम्र केन लोच की है वो उनके फिल्मों से जुड़े लगाव और उत्साह के कारण कई गुना कम महसूस होती है।
 
ओल्ड ओक कहानी है डरहम शहर के पास के एक गांव की जहां आम लोग जिंदगी के तनाव से जूझ रहे हैं, और एक दिन अचानक उन्हें पता चलता है कि उनके गांव में सीरिया से आए रिफ्यूजी को लाया गया है। यहां से कहानी शुरू होती है जहां आम लोग एक दूसरे की मदद भी करते हैं लेकिन कुछ लोग हैं जिन्हें इन बेघरबार लोगों के अपने गांव में आने से तकलीफ है। 
 
जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है हम उनके बीच के रिश्तों की मुश्किलों को और नजदीकी से देख पाते हैं। फिल्म देखते हुए  कई बार एहसास होता है कि क्या यह बुजुर्ग डायरेक्टर वो दिखा रहे हैं जो वो खुद चाहते हैं कि कम्युनिटी में मौजूद हो। केन लोच की यह खूबी है कि वो बिना कुटील हुए उन लोगों की बात कह जाते हैं जो समाज के अत्याचारों को सह रहे हैं। यहां भी वो रिफ्यूजी की बात सामने लाने में कामयाब हैं और यह दिखाने में भी कि बिना झगड़ा किए भी दोनों तरफ की न सिर्फ बात सुनी जा सकती है बल्कि वक़्त के साथ साथ अनजानेपन की जो दीवार बीच में है उसे भी लांघा जा सकता है।
 
केन लोच का रिटायरमेंट कभी न हो और वो लगातार ऐसी शानदार फिल्में बनाते रहे लेकिन अगर सही मायनों में यह उनकी आखिरी फिल्म साबित होगी तो हम गर्व से कह सकते हैं कि हमने केन लोच को देखा है, उनकी फिल्मों को देखा है। यह वो डायरेक्टर है जो समाज को सहानुभूति और एक साथ रहने की, एक दूसरे को सहारा देने की बात करता है।