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Last Modified: बुधवार, 24 नवंबर 2021 (17:34 IST)

रितिक रोशन की 'धूम 2' को रिलीज हुए 15 साल पूरे : विजय कृष्णा ने खोले फिल्म से जुड़े कई राज

रितिक रोशन की 'धूम 2' को रिलीज हुए 15 साल पूरे : विजय कृष्णा ने खोले फिल्म से जुड़े कई राज - hrithik roshan aishwarya rai abhishek bachchan film complete 15 years
यशराज फ़िल्म्स के 'धूम' और 'धूम 2' के राइटर तथा 'धूम 3' के निर्देशक विजय कृष्णा (विक्टर) आचार्य की इन हैरतअंगेज और एंटी-हीरो फिल्मों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया, साथ ही उनकी इन फिल्मों से भारत को सबसे बड़ी फ्रेंचाइज़ी मिली।

 
सही मायने में, ये फिल्में अपने बेमिसाल दृश्यों के लिए जानी जाती हैं। रितिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन की ब्लॉकबस्टर, 'धूम 2' के 15 साल पूरे होने के मौके पर, विक्टर ने बताया कि कैसे उन्होंने भारत में स्लीक एक्शन एंटरटेनर का एक नया जॉनर बनाया, साथ ही 'धूम 2' में सबसे बड़े एक्शन सीक्वेंस को डिजाइन करते समय जो कुछ भी हुआ था, उन्होंने उसके बारे में भी बताया।
 
सबसे बड़ी ट्रेन डकैती-
फिल्म में डकैती के उस सीन को आज भी लोग याद करते हैं, जिसमें रितिक रोशन एक बूढ़ी औरत का रूप धारण कर लेते हैं। भारतीय फ़िल्मों को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए रितिक रोशन को एक बूढ़ी औरत के रूप में देखने की बात सोचना भी शायद असंभव है।
 
विक्टर ने कहा, 'धूम 2' में आर्यन (रितिक रोशन) का किरदार एक ऐसे इंसान का था, जिसे आज तक किसी ने असली रूप में नहीं देखा था। इसकी वजह यह है कि वह भेष बदलने में माहिर था। आर्यन की इसी खूबी को फिल्म में दिखाने के लिए पहली डकैती की योजना बनाई गई थी। उस समय हमने बड़ी हिम्मत दिखाते हुए रितिक को एक बूढ़ी औरत के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने अपने इस रूप का फायदा उठाते हुए डकैती को अंजाम देने में कामयाबी पाई। 
 
बेशक अगर इसमें स्पीड की बात शामिल नहीं होती तो उसका सीक्वेंस पहले जैसा बिल्कुल नहीं होता। नामीबिया डेज़र्ट में एक ट्रेन तेजी से दौड़ रही थी। फिल्म में इस चोर का किरदार ऐसा है, जो केवल नायाब चीजों के पीछे है, और सही मायने में वह एक पारखी है। इस फिल्म में रितिक का किरदार गिरगिट की तरह पलक झपकते ही अपना रूप बदलने में माहिर है, और निश्चित तौर पर इस डकैत ने अपने एंबीशंस तथा अपनी बोल्डनेस को बखूबी पर्दे पर उतारा है।
 
डायमंड की चोरी (म्यूजियम)- 
हम फिल्म में डकैती के ऐसे शानदार सीन्स दिखाना चाहते थे जो दर्शकों के दिलो-दिमाग में लंबे समय तक कायम रहे, जिसके लिए लोकल हिस्ट्री के बारे में गहराई से जानकारी हासिल करना जरूरी था। साथ ही हमें दर्शकों को हैरत में डालने वाले विजुअल मोमेंट की कल्पना करनी थी। दूसरी डकैती की बात की जाए, तो इसके लिए विजय कृष्णा आचार्य ने एक हिस्टोरिक लोकल म्यूजियम में चोरी के सीन को पर्दे पर उतारने की योजना बनाई। 
 
वे कहते हैं, निजी तौर पर मुझे म्यूजियम काफी पसंद हैं, क्योंकि वहां आप हिस्ट्री को महसूस कर सकते हैं और ऐसा लगता है मानो आप बीते दिनों में वापस चले गए हैं। दरअसल जय (अभिषेक बच्चन) ने म्यूजियम में चोर को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाते हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ी ट्रिक यह थी कि सभी लोगों को चकमा देते हुए आर्यन संग्रहालय में कैसे पहुंचेगा, और लोकेशन की वजह से सॉल्यूशन खुद-ब-खुद सामने आ गया। म्यूजियम में चोरी करने के लिए खुद को एक एक्ज़िबिट बनाने के बारे में आपका क्या ख़्याल है?
 
नायाब तलवार की चोरी-
चोरी के इस सीन की तैयारी करने और इसे क्रिएट करने में हमें सबसे ज्यादा मज़ा आया, क्योंकि यहां आर्यन की मुलाकात अपनी लेडी लव से होती है। वे आगे कहते हैं, यहीं पर आर्यन की मुलाकात सुनहरी से होती है। इसका पूरा स्ट्रक्चर एक सीन से कहीं बढ़कर था जो आगे चलकर एक एक्शन सीक्वेंस में बदलने वाला था। 
 
यह सीन इसलिए भी बेहद अहम है, क्योंकि यह फिल्म के लीड पेयर के बीच की केमिस्ट्री के लिए टोन सेट करने वाला है। पीछे मुड़कर देखें, तो मैं यही कहूंगा कि मुझे उस सीन तथा उसके बाद आने वाले सीक्वेंस को लिखने में बहुत मज़ा आया, जिसके बाद वे दोनों एक टीम की तरह काम करने के लिए मजबूर हो गए। इस तरह, एक मास्टर थीफ और उसकी संगिनी की जोड़ी बनती है।
 
हीस्ट फ़िल्में हमेशा देखने लायक होती हैं, और दर्शक यह देखना पसंद करते हैं कि एक सुपर-स्मार्ट चोर किस तरह इंस्टिट्यूशन और अथॉरिटी को बेवकूफ बनाता है। 'धूम-2' में चोरी के दृश्य वाकई बेमिसाल थे, जिसकी वजह से यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक बन गई।
 
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