• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. दिवस विशेष
  3. जयंती
  4. Ishwar Chandra Vidyasagar Birth Anniversary
Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 26 सितम्बर 2024 (11:37 IST)

26 सितंबर: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की जयंती, जानें 10 शिक्षाप्रद बातें

Ishwar Chandra Vidyasagar
Highlights 
 
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के बारे में जानें।
महान स्वतंत्रता सेनानी थे ईश्वर चन्द्र विद्यासागर।
ईश्वर चन्द्र  विद्यासागर की अनमोल बातें।
 
Ishwar Chandra Vidyasagar Bandyopadhyay : आज भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की जयंती है। उनका जन्म 26 सितंबर 1820 को मेदिनीपुर के एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ठाकुरदास बंद्योपाध्याय एवं माता भगवती देवी थीं।
 
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर बंगाल के लिए क्या थे : वे एक प्रसिद्ध विद्वान् और समाज सुधारक थे तथा बंगाल के निवासी थे। उन्हें 19वीं शताब्दी के बंगाल के प्रसिद्ध दार्शनिक के तौर पर जाना जाता है। वे एक अकादमिक शिक्षक, लेखक, अनुवादक, समाज सुधारक और परोपकारी व्यक्ति तथा सादा जीवन उच्च विचार रखने वाले महापुरुष माने जाते हैं, जिनका बंगाल में बहुत सम्मान था। वे विधवा-पुनर्विवाह के प्रबल समर्थक थे। 29 जुलाई 1891 को कोलकाता में उनका निधन हुआ था। आइए यहां जानते हैं उनके 10 अनमोल विचार : 
 
अनमोल कथन : 
 
•  एक मनुष्य का सबसे बड़ा कर्म दूसरों की भलाई और सहयोग होना चाहिए, जो एक संपन्न राष्ट्र का निमार्ण करता है।
 
•  बिना कष्ट के ये जीवन एक बिना नाविक के नाव जैसा है, जिसमे खुद का कोई विवेक नहीं। एक हल्के हवा के झोके में भी चल देता है।
 
•  विद्या  सबसे अनमोल ‘धन’ है, इसके आने मात्र से ही सिर्फ अपना ही नही अपितु पूरे समाज का कल्याण होता है।
 
•  संसार में सफल और सुखी वही लोग हैं, जिनके अंदर  विनय  हो और विनय विद्या से ही आती है।
 
•  समस्त जीवों में मनुष्य सर्वश्रेष्ठ बताया गया है, क्योंकि उसके पास आत्मविवेक और आत्मज्ञान है।
 
•  कोई मनुष्य अगर बड़ा बनना चाहता है, तो छोटे से छोटा काम भी करें, क्योंकि स्वावलंबी लोग ही श्रेष्ठ होते है।
 
•  अगर सफल और प्रतिष्ठित बनना है, तो झुकना सीखो। क्योंकि जो झुकते नहीं, समय की हवा उन्हें झुका देती है।
 
•  दूसरों के कल्याण से बढ़ कर, दूसरा और कोई नेक काम और धर्म नहीं होता है।
 
•  मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों न बन जाए, उसे हमेशा अपना अतीत याद करते रहना चाहिए। 
 
•  अपने हित से पहले, समाज और देश के हित को देखना ही एक विवेक युक्त सच्चे नागरिक का धर्म होता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ये भी पढ़ें
त्योहारों में पकवान और मीठे की वजह से बढ़ जाता है वज़न, तो अपनाएं ये आसान तरीके