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Last Updated : शनिवार, 20 नवंबर 2021 (17:53 IST)

चिप संकट के कारण भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए फीका रहा त्योहारी सीजन, बिक्री में 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट

चिप संकट के कारण भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए फीका रहा त्योहारी सीजन, बिक्री में 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट - Vehicle Retail Sales Drop 5% In October 2021; Dealers Sees Worst Festive Season Numbers In Last Decade
नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर चिप्स की सप्लाई बाधित रहने से उत्पादन प्रभावित होने के कारण इस वर्ष अक्टूबर में वाहनों की बिक्री में 5.33 प्रतिशत की हुई कमी ने भारतीय वाहन निर्माता कंपनियों के लिए त्योहारी सीजन का फीका बना दिया।
ऑटोमोबाइल डीलरों के संघ फाडा की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2021 में घरेलू बाजार में 13,64,526 वाहनों की बिक्री हुई, जो अक्टूबर 2020 की 14,41,299 इकाई के मुकाबले 5.33 प्रतिशत कम है। हालांकि वर्ष 2019 के इसी महीने से तुलना की जाए यह गिरावट काफी कम है। इस अवधि में वाहनों की बिक्री 26.64 घटी थी।
 
आलोच्य अवधि में निजी वाहनों की बिक्री 2,57,756 के मुकाबले 11.38 प्रतिशत कम होकर 2,28,431 इकाई रह गई। इसी तरह ट्रैक्टर की बिक्री में 20.78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 55,874 से कम होकर 44,262 इकाई पर आ गई। दुपहिया वाहनों की बिक्री भी 10,60,337 की तुलना में 6.07 प्रतिशत घटकर 9,96,024 इकाई रह गई।
 
तिपहिया वाहनों की बिक्री ने 73.93 प्रतिशत की छलांग लगाई और यह 22,467 से बढ़कर 39,077 इकाई पर पहुंच गई। इस अवधि में व्यवसायिक वाहनों की बिक्री में तेजी रही और यह 44,865 के मुकाबले 26.45 प्रतिशत उछलकर 56,732 इकाई पर पहुंच गई।
 
इसी तरह हल्के व्यवसायिक वाहनों (एलसीवी) की बिक्री 32,835 से 4.04 प्रतिशत बढ़कर 34,162, मध्यम व्यवसायिक वाहनों (एमसीवी) की 2,051 से 80.11 प्रतिशत बढ़कर 3,694 और भारी व्यवसायिक वाहनों (एचसीवी) की 7,163 से 121.61 प्रतिशत की छलांग लगाकर 15,874 और अन्य वाहनों की बिक्री 2,816 से 6.61 प्रतिशत बढ़कर 3,002 इकाई हो गई।
 
फाडा ने बताया कि इस वर्ष 42 दिनों के त्योहारी सीजन में वाहनों की बिक्री को 18.21 प्रतिशत का झटका लगा है और यह 25,56,335 से कम होकर 20,90,893 इकाई रह गई। इस दौरान निजी वाहनों की बिक्री 4,39,564 के मुकाबले 26.17 प्रतिशत घटकर 3,24,542 इकाई पर आ गई।
 
 
इसी तरह दुपहिया वाहनों की बिक्री 19,38,066 से 18.49 प्रतिशत कम होकर 15,79,642 इकाई और ट्रैक्टर की बिक्री 73,925 से 23.11 प्रतिशत घटकर 56,841 इकाई रह गई। हालांकि तिपहिया वाहनों की बिक्री 34,419 की तुलना में 53.41 प्रतिशत की छलांग लगाकर 52,802 और व्यवसायिक वाहनों की बिक्री 70,361 के मुकाबले 9.53 प्रतिशत बढ़कर 77,066 इकाई हो गई।
 
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि हमने पिछले एक दशक में सबसे खराब त्योहारी सीजन देखा है। इस सीजन में वाहनों की मांग रहने के बावजूद सेमी-कंडक्टर की कमी के कारण स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी), कॉम्पैक्ट-एसयूवी और लक्जरी श्रेणी के वाहनों की भारी कमी रही, जिससे हम ग्राहकों की जरूरतों को पूरा नहीं कर सके। वहीं, दूसरी ओर एंट्री लेवल की कारों की मांग में कमी देखी गई क्योंकि इस श्रेणी के ग्राहकों ने अपने परिवार की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के कारण पैसे की बचत करना जरूरी समझा।
 
उन्होंने कहा कि इस अवधि में दुपहिया वाहनों को कम बिक्री का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीण संकट के साथ-साथ वाहनों की कीमतों में बार-बार हुई बढ़ोतरी, ईंधन की कीमतों के सैकड़ा अंक में पहुंचना और स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के लिए धन की बचत करने वाले ग्राहकों की मांग कम रही। व्यापार में सामान्य स्थिति लौटने से तिपहिया वाहनों की मांग बढ़ी है।
 
गुलाटी ने कहा कि भले ही त्योहारी सीजन अब समाप्त हो गया है, फिर भी निजी वाहन श्रेणी में ऑर्डर की काफी कमी है। यदि निजी वाहन ओईएम की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में सक्षम हो जाएं तो हम अभी भी खुदरा बिक्री के लिए अच्छा साल देख सकते हैं। उन्होंने दुपहिया वाहन ओईएम से इन्वेंट्री को युक्तिसंगत बनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि यदि ग्रहाकों के लिए आकर्षक योजना की शुरुआत की जाए तो खासकर एंटी लेवल के वाहनों की मांग को पुनर्जीवित किया जा सकता है।
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