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16 दिसंबर से खरमास का आरंभ हो गया है। पंचांग के अनुसार खरमास को मलमास कहा जाता है। इस एक माह शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
सूर्य की धनु संक्रांति के कारण मलमास होता है। सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु अथवा मीन में होता है तो ये दोनों राशियां सूर्य की मलीन राशि मानी जाती है। शास्त्र अनुसार सूर्य का बृहस्पति में परिभ्रमण श्रेष्ठ नहीं माना जाता है, क्योंकि बृहस्पति में सूर्य कमजोर स्थिति में रहते हैं।

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खास तौर पर मलमास माह में धर्म के प्रति समर्पण भाव से इष्ट की आराधना, वैष्णव तथा शिव मंदिरों में जाकर सत्संग व कीर्तन का लाभ लें, वस्त्र-भोजन तथा औषधि का दान करना श्रेष्ठ होता है।