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Written By भाषा
Last Modified: लखनऊ (भाषा) , शुक्रवार, 15 मई 2009 (18:20 IST)

'मोर्चे की सरकार को सर्वोच्च प्राथमिकता'

''मोर्चे की सरकार को सर्वोच्च प्राथमिकता'' -
केन्द्र में तीसरे मोर्चे की सरकार के गठन को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने के सवाल पर वामपंथी दलों की रणनीति के बारे में अंतिम निर्णय इनके नेताओं द्वारा नहीं बल्कि इन दलों की शीर्ष कमेटियों द्वारा लिया जाएगा।

भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने शुक्रवार को बताया कि वामपंथी दल केन्द्र में तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने के अपने निर्णय पर अटल हैं और इस बाबत भावी रणनीति इनके नेता ही नहीं बल्कि इनकी शीर्ष कमेटी के सदस्यों द्वारा तय की जाएगी।

अंजान ने बताया कि भाकपा ने 19 मई को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और 20 एवं 21 मई को राष्ट्रीय परिषद की अति आवश्यक बैठक पहले ही बुला ली है जबकि 18 और 19 मई को माकपा के पोलित ब्यूरो और केन्द्रीय समिति की बैठक होने वाली है।

उन्होंने कहा कि हमने अपनी पार्टियों की शीर्ष कमेटियों की बैठक इसलिए बुलाई है कि आगे का निर्णय नेता ही तय नहीं करेंगे बल्कि शीर्ष कमेटियों के सभी सदस्य मिलकर तय करेंगे।

तीसरे मोर्चे की सरकार को वामपंथी दलों का निर्णय और सर्वोच्च प्राथमिकता करार देते हुए अंजान ने कहा कि देश की जनता पहले राजग के इंडिया शाइनिंग और संप्रग के भारत निर्माण के नारे को खारिज कर चुकी है और इसलिए अब तीसरे मोर्चे को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।

अंजान ने कहा कि वामपंथी दलों को राजग से तो कोई अपेक्षा नहीं है मगर हम कांग्रेस और संप्रग के घटक दलों से यह आग्रह जरुर करेंगे कि वे तीसरे मोर्चे की सरकार के गठन में सहयोगी बनें और इसके रास्ते मे बाधाएँ न खड़ी करें।