Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 5 अक्टूबर 2011 (17:26 IST)
गैस की आपूर्ति रोकेगी रिलायंस
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने उत्तर प्रदेश के चार उर्वरक संयंत्रों को कल से गैस की आपूर्ति बंद करने का नोटिस दिया है। रिलायंस ने कहा है कि ये कंपनी राज्य बिक्रीकर को ‘कवर’ करने के लिए यदि अपनी वित्तीय गारंटी को नहीं बढ़ाती है, तो उनको गैस की आपूर्ति रोक दी जाएगी।
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक अक्टूबर को इंडो गल्फ फर्टिलाइजर्स, इफको, कृभको श्याम फर्टिलाइजर्स और टाटा केमिकल्स को कल से गैस की आपूर्ति बंद करने का नोटिस भेजा है। ये उर्वरक कंपनियां रिलायंस से प्राप्त गैस के जरिए 20 लाख टन यूरिया का उत्पादन करती हैं। इन कंपनियों ने गैस की बिक्री पर स्थानीय बिक्रीकर के चलते बनने वाली देनदारियों के लिए ऋण पत्र (एलसी) के जरिए वित्तीय गारंटी देने के विचार का विरोध किया है, क्योंकि इससे उत्पादन की लागत और सब्सिडी भुगतान बढ़ जाएगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 क्षेत्र से इन संयंत्रों को प्रतिदिन 40 लाख घन मीटर गैस की आपूर्ति करती है। देश के अन्य हिस्सों की तरह वह उत्तर प्रदेश के इस्तेमालकर्ताओं से भी दो प्रतिशत का केंद्रीय बिक्रीकर वसूलती है।
हालांकि राज्य सरकार ने इसे अंतर राज्य बिक्री मानने से इनकार करते हुए कहा है कि इस पर 21 प्रतिशत का स्थानीय बिक्रीकर दिया जाना चाहिए। सामान्य रूप से इस्तेमालकर्ताओं को ऊंचे बिक्रीकर का विरोध करना चाहिए। पर आश्चर्यजनक रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस मांग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
उच्च न्यायालय ने 26 जुलाई, 2010 को उत्तर प्रदेश की इस मांग पर रोक लगा दी। राज्य सरकार ने इस स्थगनादेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है। सूत्रों ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज उत्तर प्रदेश के ग्राहक अपने ऋण पत्र का मूल्य बढ़ाएं, जो पूर्व में डिफाल्ट की स्थिति में गारंटी के रूप में दिए गए थे। अभी तक सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी ने अपने एलसी को बढ़ाया है, जबकि उर्वरक कंपनियों ने रिलायंस की मांग को पूरा नहीं किया हैं। इसी वजह से उन्हें गैस की आपूर्ति बंद करने का नोटिस भेजा गया है।
हालांकि उर्वरक कंपनियों ने इस पर टिप्पणी से इनकार किया है। भारतीय उर्वरक संघ ने इस बारे में पेट्रोलियम एवं उर्वरक मंत्रालय को पत्र भेजकर रिलायंस के कदम का विरोध किया है। (भाषा)