corona news today : क्या देश देश में एक बार फिर कोरोनावायरस (Corona virus) वायरस लौट आया है। कोरोना की फिर से वापसी की आहट सुनाई देने लगी है। अब यह आशंका सताने लगी है कि क्या यह फिर से भारत में भी अपने पांव फैला सकता है। 19 मई 2025 तक देश के विभिन्न राज्यों में कुल 257 सक्रिय कोविड मामले दर्ज हुए हैं। देश में वायरस से 2 लोगों की जान भी चली गई है। केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं, जहां सबसे ज्यादा मामला सामने आए हैं। इस बार संक्रमण के लिए ओमिक्रोन के नए वेरिएंट JN.1 और इसके सब-वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। तो आइए जानते हैं क्या हैं JN.1 वैरिएंट और सरकार की इसे लेकर क्या है तैयारी और अब आपको क्या रखना होगा ध्यान-
2019 में आया था जानलेवा वायरस
कोरोना दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से रहस्यमय तरीके से फैला और कुछ ही महीनों में दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया और मार्च 2020 में विश्व स्वस्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था। लगभग 3 वर्षों के समय में कोरोना वायरस की कई लहरों ने दुनियाभर में करीब 70 लाख से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और लोगों ने अपनों को खो दिया। हालांकि 2023 में इसका कुछ खास असर नहीं दिखाई दिया। दुनिया के देशों में अधिकांश लोगों ने इसकी वैक्सीन लगवा ली थी।
सिंगापुर और हांगकांग में बढ़े मामले
पिछले सप्ताह में चीन के निकट सिंगापुर और हांगकांग, थाइलैंड में बढे कोरोना के मामले स्वस्थ्य विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का कारण बने गए हैं। सिंगापुर, जिसकी आबादी केवल 59 लाख है, वहां 27 अप्रैल से 3 मई के बीच 14 हज़ार से अधिक कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के अस्पताल पहुंचने से प्रशासन चिंता में है। सिंगापुर और हांगकांग के बढ़ते मामलों को देखते हुए दुनियाभर के देश चिंता में हैं।
क्या है कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 (what is new corona variant jn 1)
चीन, सिंगापुर, थाइलैंड में फैल रहे कोरोनावायरस का नया वेरिएंट JN.1 है। इन देशों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओमिक्रोन के नए वेरिएंट JN1 और उसके सब-वेरिएंट्स LF7 और NB1.8 को इस बार वायरस संक्रमण के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन BA.2.86 वंश का वंशज है। जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन अनुसार इस वेरिएंट की खोज पहली बार अगस्त 2023 में हुई थी। इसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं, जो इसे प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में मदद करते हैं। ये एडिशनल वन और टू म्यूटेशनन्स के जरिए आसानी से ट्रांसमिट होने की क्षमता रखता है। हालांकि, कोरोनावायरस का BA.2.86 वेरिएंट कभी भी SARS-CoV-2 वेरिएंट के ग्रुप में हावी नहीं हुआ।
कितना खतरनाक है नया वैरिएंट (how dangerous its effect on people)
विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा कोई सबूत अब तक मिला नहीं है जिससे ये कहा जा सके किJN.1 वेरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक है या फिर ये ज्यादा तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक कमजोर इम्यूनिटी वालों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। ऐसे लोगों को ये आसानी से अपना निशाना बना सकता है।
कोरोना से डरा शेयर बाजार
कोरोना की वापसी को लेकर शेयर बाजार में भी डर दिखाई दिया। डर के कारण बाजार में बिकवाली का माहौल बन गया। सेंसेक्स और निफ्टी 1.75% तक फिसलते नजर आए। सेंसेक्स 78,000 के नीचे आ गया था। निफ्टी 23,600 के लेवल के नीचे पहुंच गया था। निफ्टी और बैंक निफ्टी 200 DMA के नीचे फिसल गए थे। भारत में इसके आने की खबर ने लोगों को कोविड के बुरे दिनों की याद दिला दी। विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली ने बाजार पर और दबाव डाला। डर के माहौल में खरीदारी करने वाले भी पीछे हट गए। इससे बिकवाली का दबाव और ज्यादा हो गया।
क्या है सरकार की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक सोमवार को बुलाई थी। इसमें NCDC, ICMR, डिसास्टर मैनेजमेंट सेल और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में देश में मौजूदा कोविड-19 की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना की स्थिति कंट्रोल में है। बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। 19 मई तक देश में कुल 257 एक्टिव कोविड केस सामने आए हैं. इसमें राहत की बात ये है कि सभी मरीजों में लक्षण बेहद मामूली हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यता नहीं हुई।
क्या रखना होगी सावधानी (symptoms and how to prevent)
आपको कोरोना से बचाव के लिए सावधानी रखनी होगी। इसमें भीड़ में मास्क पहने, खांसी-सर्दी होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें। बार-बार अपने हाथ साबुन या हैंडवॉश से धोते रहें। खांसी या छींक आने पर मुंह और नाक को टिशू पेपर या रुमाल से ढकें। जिस टिशू पेपर को इस्तेमाल किया जा रहा है उसे खुले में नहीं फेंकें। कुछ भी छूने से पहले और बाद में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। किसी को बुखार, खांसी या फ्लू जैसे लक्षण हों और हाल में उसने यात्रा की हो या कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आया हो तो कोविड टेस्ट करवाना समझदारी होगी। Edited by: Sudhir Sharma