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इसका उपचार है- तीस सेकंड बैठकर गहरी साँस लें। तीन गिनने तक नाक से साँस लें और अंदर खींचे (कोशिश करें कि पेट तक साँस लें न कि केवल सीने तक) और छः गिनने तक धीरे-धीरे साँस छोड़ें।
थोड़ी-सी स्ट्रेचिंग भी आपका ऊर्जा स्तर ठीक बनाए रखने में बहुत ज्यादा मददगार साबित हो सकती है। इससे आपकी मांसपेशियाँ रिलेक्स होती हैं और रक्त का संचरण ज्यादा होता है जो आपको अतिरिक्त ऊर्जा भी देता है।
लेकिन हाँ, कसरत के साथ ज्यूस या फल लेना भी जरूरी है। कम से कम 10-12 गिलास पानी पिएँ। इससे डिहायड्रेशन नहीं होता।
पानी में अगर आप नींबू का रस व शकर मिलाकर पी सकें तो ज्यादा बेहतर है, यह घोल आपको ज्यादा ऊर्जा भी देगा।
सदैव याद रखिए कि ईश्वर भक्त की भावनाओं के भूखे होते हैं उन्हें कोई दिखावा या किसी भी आडंबरों से कोई लेना-देना नहीं होता। अतः जिस व्रत और उपवास से हमारा शरीर स्वस्थ मन और आत्मा को सुकून मिले वही व्रत सार्थक है।