साक्षी मलिक का वीडियो देख भड़कीं बबीता फोगाट, कहा- कागज पर मेरे साइन नहीं
Wrestlers Protest : भाजपा विधायक और पहलवान बबीता फोगाट साथी पहलवान साक्षी मलिक का वीडियो देख भड़की गईं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जो अनुमति का कागज साक्षी दिखा रही थी उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरी सहमति का कोई प्रमाण नहीं है। साक्षी और उनके पति ने दावा किया था कि पुलिस से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत भाजपा के दो नेताओं बबीता फोगाट और तीरथ राणा ने ली थी।
बबीता ने कहा कि एक कहावत है कि जिंदगी भर के लिए आपके माथे पर कलंक की निशानी पड़ जाए। बात ऐसी ना कहो दोस्त की कह के फिर छिपानी पड़ जाएं। मुझे कल बड़ा दुःख भी हुआ और हँसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उनके पतिदेव का वीडियो देख रही थी।
उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से कहती रही हूं कि माननीय प्रधानमंत्री जी पर एवं देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास रखिए, सत्य अवश्य सामने आएगा। एक महिला खिलाड़ी होने के नाते मैं सदैव देश के सभी खिलाड़ियों के साथ थी, साथ हूँ और सदैव साथ रहूंगी परंतु मैं धरने-प्रदर्शन के शुरुआत से इस चीज के पक्ष में नहीं थीं।
उल्लेखनीय है कि ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान ने शनिवार को कहा था कि उनका विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है और उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद वे वर्षों तक चुप रहे क्योंकि इससे पहले कुश्ती जगत एकजुट नहीं था। ट्विटर पर पोस्ट वीडियो में कादियान ने कहा कि उनके विरोध को लेकर झूठी कहानी तैयार की गई है और वह चीजों को साफ करना चाहते हैं।
कादियान ने कहा कि मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और पुलिस से इजाजत भाजपा के दो नेताओं ने ली थी। उन्होंने इस दौरान साक्षी को प्रदर्शन की स्वीकृति मांगने वाला पत्र दिखाने को कहा।
यह पत्र पूर्व पहलवान बबीता फोगाट और तीरथ राणा ने लिखा था जो भाजपा से जुड़े हैं। कादियान ने कहा, यह (प्रदर्शन) कांग्रेस समर्थित नहीं है। (कुश्ती जगत में) 90 प्रतिशत से अधिक लोग जानते हें कि पिछले 10 से 12 साल से यह (उत्पीड़न और डराना) हो रहा है। कुछ लोगों ने आवाज उठाने की कोशिश की लेकिन कुश्ती जगत एकजुट नहीं था।