अक्षय तृतीया इस साल 2019 में 7 मई को मनाई जा रही है। इस दिन बिना किसी मुहूर्त के कोई भी शुभ काम किया जा सकता है। शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में जब सूर्य और चन्द्रमा अपने उच्च प्रभाव में होते हैं और जब उनका तेज सर्वोच्च होता है, उस तिथि को हिन्दू पंचांग में बेहद शुभ माना जाता है। इस शुभ तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है इसके पीछे भी वजह यही है कि दो प्रमुख ग्रह सूर्य और चंद्र अपने सर्वोच्च प्रभाव में पूर्ण होते हैं।
इस दिन भगवान विष्णु की उपासना और लक्ष्मी जी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन पूजा व व्रत का भी महत्व माना जाता है। दान से सबसे ज्यादा पुण्य कमाया जा सकता है।
अक्षय तृतीया पर पंखे, छतरी, पानी, मिष्ठान, फल आदि दान श्रेष्ठ माना गया है। साथ ही इस दिन सोने-चांदी की खरीदी भी की जाती है।
दान और खरीदारी अगर राशि के अनुसार हो तो इसे परम मंगलकारी माना गया है। आइए जानते हैं कि अक्षय तृतीया पर किस राशि के जातक को कैसे पूजन करना शुभ होगा और क्या खरीदने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी -
मेष
श्री विष्णुसहस्त्रनाम के साथ साथ श्री हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ कीजिए। ताम्र पात्र खरीदें। स्वर्ण आभूषण क्रय करें। मंदिर में गेहूं और मंगल से संबंधित द्रव्यों का दान करें।
वृष
चांदी के सिक्के और आभूषण खरीदें। श्री सूक्त का पाठ करें। किसी गरीब अंधे व्यक्ति को अन्न और वस्त्र का दान करें।
मिथुन
बुध से संबंधित द्रव्यों का क्रय करें। वस्त्र खरीदें। शुक्र से सम्बंधित द्रव्य भी खरीद सकते हैं। चांदी के सिक्के और आभूषण खरीदें। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। मूंग की दाल का दान करें। गरीबों में वस्त्र बाटें।
कर्क
चांदी के बर्तन और फूल खरीदें। शिव उपासना करें। रुद्राभिषेक कराएं। धार्मिक पुस्तकों का दान करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें।
सिंह
स्वर्ण आभूषण खरीदें। श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। फूल दान करें। गरीबों को भोजन कराएं।
कन्या
वस्त्र खरीदें। चांदी के सिक्के और बर्तन क्रय करें। श्री रामचरितमानस के अरण्य कांड का पाठ करें। वस्त्र का दान करें।
तुला
इस राशि के जातक चांदी के सिक्के लें। सफ़ेद और हरा वस्त्र खरीदें। श्री सूक्त का पाठ करें। किसी अंधे गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं और वस्त्र का दान करें।
वृश्चिक
ताम्र पात्र खरीदें। स्वर्ण आभूषण क्रय करें। श्री सुन्दरकांड का पाठ करें। गेहूं का दान करें। एक फूल का कोई पात्र मंदिर में दान करें।
धनु
धार्मिक पुस्तक का दान करें। स्वर्ण आभूषण खरीदें। चने की दाल का दान करें। श्रीरामचरितमानस के अरण्य कांड का पाठ करें।
मकर
चांदी के आभूषण और सिक्के क्रय करें। वाहन खरीदने का शुभ संयोग है। श्री बजरंगबाण का पाठ करें। लोहे की बाल्टी किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।
कुंभ
श्री सुन्दरकांड का पाठ करें। रुद्राभिषेक कराएं। लोहे का सामान और वाहन खरीदें। गरीबों में भोजन का वितरण करें। मिट्टी की मटकी में यथासामर्थ्य वस्तुएं रखकर दान करें।
मीन
धार्मिक पुस्तक का दान करें। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। स्वर्ण आभूषण खरीदें।
इसके अलावा इस महापर्व को कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। वाहन खरीद सकते हैं। विवाह इत्यादि और कोई भी शुभ मांगलिक कार्य इत्यादि कर सकते हैं। इस दिन छाते का दान अवश्य करें।
जगह-जगह लोगों को जल पिलाने की व्यवस्था करें।
भोजन में सत्तू का प्रयोग करें। इस दिन दान का बहुत महत्व है।
मंदिर में जल का पात्र और पूजा की थाल, घंटी इत्यादि का दान करें।
धार्मिक पुस्तक बांटें और घर के मंदिर में पूरे चौबीस घंटे घी का दीपक जलाएं।