लंबे समय से गठजोड़ की सरकार से जूझ रहा भारत के लोकतंत्र के लिए यह वर्ष 2014 सुखद रहा। आजादी के बाद पहली बार किसी गैर कांग्रेसी पार्टी को बहुमत मिला।
भाजपा की सरकार बनी और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने।इस वर्ष भारत मंगल पर यान भेजने और कैलाश सत्यार्थी को नोबले मिलने जैसी बड़ी उपलब्धि भारत के नाम रही। महीनेवार चर्चित घटनाएं जिन्होंने सुर्खिया बटोरी-
जनवरी
रेप की घटनाओं से दहली दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में डेनिस महिला के साथ रेप का मामला मीडिया में चर्चा में रहा। इस घटना ने भारत में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में सवाल खड़े कर दिए। पूरी खबर के लिए क्लिक करें
चौटाला पर कसा शिकंजा : दिल्ली की एक अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला समेत 55 लोगों को प्रदेश के तीन हजार से अधिक जूनियर बेसिक ट्रेंड अध्यापकों की गैरकानूनी भर्ती के मामले में दोषी घोषित किया। पूरी खबर के लिए क्लिक करें
फिर गहराया देवयानी मामला : देवयानी को वीजा धोखाधड़ी और घरेलू नौकरानी का आर्थिक शोषण करने के आरोप में दिनांक 12 दिसम्बर 2013 को सार्वजनिक रूप से हथकड़ी लगाते हुए न्यूयार्क पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्होंने न्यायालय में कहा कि वह दोषी नहीं हैं। इसके बाद उन्हें ढाई लाख डॉलर के बॉन्ड पर रिहा किया गया।
गिरफ्तार भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे की कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने, उनकी डीएनए स्वैबिंग और पुलिस स्टेशन में सेक्स वर्करों, अपराधियों और नशेड़ियों के साथ खड़ा करने की बात जब सामने आई तो भारत सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया।
सख्ती बरतते हुए भारत ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के सामने से सारे बैरिकेड हटा लेने के निर्देश दिए। भारत ने अमेरिकी दूतावास के लिए भेजे जाने वाले खाने, शराब आदि सब चीज़ों के क्लियरेंस रोक लिए। साथ ही सरकार ने सारे डिप्लोमैटिक स्टाफ के एयरपोर्ट पास भी वापस ले लिए। इस मामले में भारत के कड़े ऐतराज के बाद अमेरिका के रुख में नरमी आई। विस्तृत खबर के लिए क्लिक करें
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फरवरी
सहारा को आखिरकार झुकना ही पड़ा : साल 2014 सहारा परिवार के लिए एक बुरे सपने की तरह रहा। निवेशकों के 20000 करोड़ रुपए लेने के मामले में सेबी और सहारा के बीच चल रहे विवाद ने इस साल करवट ली और सहारा को लेने के देने पड़ गए।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को निवेशकों का सारा रुपया ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए। इस मामले को लेकर सहारा प्रमुख सुब्रत राय निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक धन ब्याज सहित नहीं लौटाने के कारण 4 मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा है कि जमानत के लिए उन्हें 10 हजार करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। इस रकम में से उन्हें 5 हजार करोड़ रुपए नकद और शेष राशि की बैंक गारंटी देनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्जा चुकाने के लिए सुब्रत रॉय से अपनी प्रॉपर्टी बेंचने के लिए कहा है। विस्तृत खबर के लिए यहां क्लिक करें
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मार्च
लापता हुआ मलेशियाई विमानः मलेशिया एयरलाइंस द्वारा संचालित एक विमान थाईलैंड की खाड़ी में 8 मार्च 2014 को लापता हो गया। विमान में 227 यात्रियों के साथ-साथ 12 चालक दल के सदस्य थे।
विमान ने 8 मार्च 2014 को 00:41 बजे कुआ लालम्पुर से उड़ान भरी व उसी दिन विमान को 6:30 बजे चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचना था। सुबांग वायु यातायात नियंत्रण केंद्र ने 2:40 बजे रिपोर्ट दी कि विमान का केंद्र से संपर्क टूट चुका है।
इसका संपर्क चीन के नियंत्रण केंद्र से भी नहीं हो पाया था। विमान में चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया सहित 14 विभिन्न देशों के यात्री सवार थे। अब तक इस विमान का पता नहीं लग पाया है। अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें.........
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अप्रैल
किन्नरों के हक में बड़ा फैसलाः उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए ट्रांसजेंडर या किन्नरों को महिलाओं और पुरुषों के साथ लिंग के तीसरे वर्ग के रूप में मान्यता दी तथा केंद्र एवं राज्यों से उन्हें मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट और गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस समेत सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए। खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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मई
भारत में नए युग की शुरुआतः मई 2014 में भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने देश के 15वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनका प्रधानमंत्री बनना महज संयोग नहीं बल्कि कठिन संघर्ष की महागाथा है। इसी संघर्ष ने उन्हें राजनीति का एक महायोद्धा बनाया और चायवाले से वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बने।
गुजरात से निकला यह 'हीरा' अब पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेरने के लिए तत्पर है। नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना इसलिए अहमियत रखता क्योंकि उन्होंने देश के हर छोटे और गरीब व्यक्ति में एक सपना बोया है, जो कठोर परिश्रम से किसी भी ऊंचाई पर पहुंच सकता है। अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें
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जून
खतरनाक वायरस इबोला ने पूरे विश्व को हिलायाः जून 2014 में इबोला बीमारी ने पूरे विश्व में कोहराम मचा दिया। इस बीमारी के चलते हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
सीरिया में मौत का तांडव, आईएसआईएस बना आतंक का पर्यायः सीरिया में साढ़े तीन साल के गृहयुद्ध में करीब दो लाख लोगों की मौत हो चुकी है। सीरिया मामले को देख रही एक मानवाधिकार संस्था ने दावा किया है कि मार्च 2011 से अब तक गृहयुद्ध में दो लाख से ज्यादा की मौत हो चुकी है।
संस्था निदेशक रामी अब्देल रहमान ने बताया कि एक लाख 30 हजार लड़ाके संघर्ष में मारे गए हैं। 10377 बच्चों समेत करीब 63 हजार नागरिकों की जान चली गई है। वहीं, राष्ट्रपति असद प्रशासन की ओर से, 44 हजार सैनिक, 28974 नेशनल डिफेंस फोर्स, 624 लेबनानी शिया (हिजबुल्ला) मारे गए हैं। वहीं, 3011 मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब तीन लाख लोग सीरियाई जेलों में बंद हैं। इसमें से 20 हजार गायब बताए जा रहे हैं।
हजारों विरोधी लड़ाके और नागरिक इस्लामिक स्टेट द्वारा बंधक भी बनाए गए हैं। संस्था ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सीरिया में मसले का हल सुलझाने में विफल बताया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में मामले को दिया जाना चाहिए था। अलकायदा से अलग होने के बाद आतंक का पर्याय बन चुके आईएसआईएस ने कई अमेरिकन पत्रकारों का सिर कलम करके दुनिया को अपनी शक्ति से आगाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक के नाम से पहचान बनाने वाले इस आतंकी संगठन ने अबू-बकर-अल-बगदादी को अपना नेता भी घोषित किया।
माना जा रहा है कि यह आतंकी संगठन दुनिया का अब तक का सबसे अमीर आतंकी संगठन है। जानकार बताते हैं कि मोसुल पर कब्जे से पहले आईएसआईएस की कुल संपत्ति करीब 875 मिलियन (करीब 5200 करोड़ रुपए) की थी, लेकिन मोसुल लूटने के बाद इसमें 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 9000 करोड़ रुपए और जुड़ गए। इस तरह आईएसआईएस की वर्तमान में कुल संपत्ति 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की है।
आईएसआईएस की आय का मुख्य स्रोत जबर्दस्ती वसूली है। इसके अलावा, यह संगठन ट्रक चालकों और व्यापारियों से भी पैसे वसूलता है। संगठन ने कई बैंक और गोल्ड शॉप में भी लूट की है। हाल के दिनों में आईएसआईएस ने मिडिल ईस्ट में अपने आतंक से तबाही मचा रखी है । ..पढ़ें पूरी खबर
ब्लैकमनी और एसआईटी का गठनः स्विस बैंक समेत विदेशी बैंको में भारतीय काले धन को लेकर चुनाव के समय और चुनाव के बाद खूब बातचीत हुई। केंद्र में सरकार बना चुकी भारतीय जनता पार्टी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। और इसे लेकर सत्ता एवं विपक्ष में हर रोज बयानबाजी होना मानो आम हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने एक विशेष जांच दल(एसआईटी) गठित कर इसकी जांच करना शुरू की। एसआईटी की जांच अभी चल रही है। फिलहाल वह एचएसबीसी की जिनेवा शाखा से मिले संभावितों के खातों की जांच कर रही है, जिनमें कुल 4479 करोड़ रुपए का कालाधन होने का अनुमान है। एसआईटी ने देश के अंदर भी 14958 करोड़ रूपए का कालाधन होने की बात कही है जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग कर रहा है।
भारत से वर्ष 2012 में छह लाख करोड़ रूपए काले धन के रूप में विदेश भेजे गए और इस मामले में वह दुनिया में तीसरे नंबर पर रहा। ग्लोबल फाइनेंस इंटीग्रिटी (जीएफआई) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 में भारतीयों ने 94.76 अरब डॉलर (छह लाख करोड़ रुपए) विदेश भेजे। वहीं 2003 से 2012 के बीच दस साल में 439.59 अरब डॉलर (28 लाख करोड़ रुपये) बाहर भेजे गए। विस्तृत खबर के लिए क्लिक करें.........
बोकोहरम ने बरपाया अफ्रीका में कहरः नाइजीरिया में आतंक का पर्याय बन चुके बोको हरम ने साल 2014 में ऐसे ऐसे कृत्य किए जिनको जानकर आपका दिल दहल जाएगा।
आतंकी संगठन बोको हरम इन दिनों सुर्खियों में है। इस संगठन ने पिछले एक पखवाड़े के दौरान 276 से ज्यादा लड़कियों को अगवा किया है।
तेलंगाना बना भारत का 29वां राज्यः कई महीनों से चल रहे राजनैतिक गतिरोध का आखिरकार अंत हुआ और जून 2014 में तेलंगाना, आंध्रप्रदेश से अलग होकर भारत का 29वां राज्य बन गया। विस्तृत खबर के लिए क्लिक करें...
जुलाई
सहारनपुर दंगाः 2014साल 2014 के जुलाई माह में उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में हुए इस दंगे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। एक जमीन के टकड़े को लेकर उठा विवाद कब कौमी रंग ले लिया इसका पता तब चला जब जब मामला बहुत बढ़ चुका था।
अमित शाह बनें बीजेपी अध्यक्षः जेपी नड्डा और अमित शाह के बीच आंतरिक द्वंद में आखिरकार जीत अमित शाह की हुई और वे बन गए पार्टी के नए अध्यक्ष। पार्टी अध्यक्ष बनने के पहले भी अमित शाह का मई 2014 के चुनाव में योगदान अभिन्न रहा। शाह ने गुजरात से लेकर उत्तरप्रदेश तक पार्टी के परचम को लहराया।
शाह ने मोदी के साथ मिलकर पार्टी की युवा छवि को निखारते हुए पार्टी को युवाओं की पार्टी के रुप में प्रस्तुत किया। भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष अमित शाह को देखकर कभी नहीं लगता है कि उन्हें किसी बात की जल्दी है, लेकिन इसकी वजह से राजनीतिक गलियारों में उनका कद बढ़ने में में कभी कोई दिक्कत नहीं आई।
चाहे गुजरात की बात करें या दिल्ली की, शाह ने महज 50 वर्ष की उम्र में राजनीतिक गलियारों में वह रुतबा हासिल किया है, जिसे पाने में लोगों की सारी उम्र बीत जाती है। एक समय ऐसा भी आया जब सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ के मामले में उन्हें 25 जुलाई 2010 में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। शाह पर आरोपों का सबसे बड़ा हमला खुद उनके बेहद खास रहे गुजरात पुलिस के निलंबित अधिकारी डीजी बंजारा ने किया।
हालांकि सीबीआई कोर्ट से इस मामले में उन्हें राहत भी मिल गई । सोलहवीं लोकसभा चुनाव के लगभग 10 माह पूर्व शाह दिनांक 12 जून 2013 को भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया, तब प्रदेश में भाजपा की मात्र 10 लोक सभा सीटें ही थी।
उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता का अंदाजा तब लगा जब 16 मई 2014 को सोलहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आए। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें हासिल की। प्रदेश में भाजपा की ये अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। इस करिश्माई जीत के शिल्पकार रहे अमित शाह का कद पार्टी के भीतर इतना बढ़ा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का पद प्रदान किया गया। पश्चिम बंगाल में भी अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा पैर जमाने की पुरजोर कोशिश में जुटी है।
एयरलाइंस एमएच-17 मामला : मलेशिया एयरलाइंस विमान एमएमच 17 एक अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान था। जो एम्सटर्डम से कुआलालम्पुर जाते हुए 17 जुलाई 2014 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें बैठे सारे 298 यात्री मारे गए। माना जाता है कि इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण मिसाइल से हमला करना है। रूसी सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर पूर्वी यूक्रेन के ग्राबोवो गांव के पास यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह मलेशिया एयरलाइंस की वर्ष 2014 की दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले उड़ान 370 कुआ लालम्पुर से बीजिंग जाते हुए ग़ायब हो गई थी जिसका अब तक कुछ पता नहीं चला है।
23 फ़रवरी 2014 को यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के ऊपर महाभियोग लगाए जाने के बाद यूक्रेन की संसद ने स्पीकर ओलेक्जेंडर तुर्चिनोव को अस्थायी रूप से राष्ट्रपति के कार्यो की जिम्मेदारी सौंप दी।
यानुकोविच देश छोड़कर भाग गए। 26 फ़रवरी 2014 को हथियारबंद रूस समर्थकों ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप में संसद और सरकारी बिल्डिंगो पर को कब्जा कर लिया। रूसी सैनिकों ने क्रीमिया के हवाई अड्डों, एक बंदरगाह और सैन्य अड्डे पर भी कब्जा कर लिया जिससे रूस और यूक्रेन के बीच आमने-सामने की जंग जैसे हालात बन गए। 2 मार्च को रूस की संसद ने भी राष्ट्रपति पुतिन के यूक्रेन में रूसी सेना भेजने के निर्णया का अनुमोदन कर दिया।
दुनिया भर में इस संकट से चिंता छा गई और कई देशों के राजनयिक अमले हरकत में आ गए। यही नहीं, 3 मार्च को दुनिया भर के शेयर बाजार गिर गए। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके यूरोपीय सहयोगियों ने रूस के कदम को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया। उन्होंने फोन पर रूसी राष्ट्रपति से डेढ़ घंटा बात की। 4 मार्च को रूस के राष्ट्रपति ने सेनाएं वापिस बुलाने की घोषणा कर दी। विस्तार से पढ़े पूरी खबर
गाजा रुला देने वाली दास्तां : गाजा में पूरी तरह से शांति के बाद इजरायल और हमास के बीच संघर्ष तेज हो गया। दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय अव्हानों से किनारा किया और युद्ध तेज होता गया।
तीन सप्ताह से अधिक समय तक चले लड़ाई में हजारों फिलस्तीनी और दर्जनों इजरायली मारे गए। इस युद्ध की शुरुआत जुलाई महीने में हुई और हमास ने अपने लड़ाकों की मौत को लेकर बदले की कार्रवाई शुरू की। करीब दो माह तक दोनों पक्षों के बीच हमले हुए और हजारों लोगों की जान गई।अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें.........
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अगस्त
हांगकांग में लोकतंत्र का बिगुल : साल 2014 में हांगकांग में लोग लोकतंत्र के समर्थन के चलते सड़कों पर उतर आए। सरकार और लोगों के बीच इस दौरान की बार झड़पें हुईं। यह विरोध प्रदर्शन कई महीनों तक चला। चीन द्वारा हांगकांग के नेता के लिए होनेवाले चुनाव में प्रत्याशियों के खुले चयन पर रोकना भारी पड़ता गया। पहले सभी प्रत्याशियों का नामांकन खुला होता था, लेकिन चीन ने चालाकी दिखाते हुए यह व्यवस्था खत्म कर दी और अब नेता पद के लिए नामांकन भी गोपनीय रहेंगे।
चीन के इस कदम को हांगकांग की जनता, खास कर छात्र वर्ग ने आपत्ति जताई। इसके अलावा चीनी सरकार के कुछ फैसलों से भी छात्रों को नाराजगी थी।
हांगकांग में शुरू हुए आंदोलन ऑक्यूपाई सेंट्रल को लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने शुरू किया, जिसे बाद में यानी सितंबर माह में कक्षाओं का बहिष्कार कर एक अलग आंदोलन खड़ा कर दिया।
17 साल के जोशुआ वांग की अगुआई में छात्रों ने सरकार के खिलाफ विरोध जारी रखा है। जोशुआ वांग के साहसिक कार्य के चलते टािम पर्सन ऑफ द इयर की तालिका में भी उनको जगह दी गई है। पढ़ें विस्तृत खबर .........
कीनिया के वेस्टगेट मॉल में खून की होलीः नैरोबी के वेस्टगेट शॉपिंग मॉल में खून की होली खेलने वाले सोमालियाई अल-शबाब उग्रवादी लोगों को उनका धर्म पूछ-पूछककर मार रहे थे। इस हमले में 68 लोगों की जान चली गई, जिनमें 2 भारतीय भी शामिल थे। कीनिया की सेना ने चार दिन के ऑपरेशन के बाद बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने में कामयाबी पाई थी।
प्रधानमंत्री की जन-धन योजना, प्रगति की ओर भारत : जन-धन योजना पारदर्शिता की ओर प्रधानमंत्री का अभूतपूर्व कदम। जन-धन योजना का उद्देश्य देश भर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक खाता खोलना है।
इस योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को तथा इसका शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने सभी बैंको को इ-मेल भेजा जिसमें उन्होंने 'हर परिवार के लिए बैंक खाता' को एक ‘राष्ट्रीय प्राथमिकता’ घोषित किया और सात करोड़ से भी अधिक परिवारों को इस योजना में प्रवेश देने और उनका खाता खोलने के लिए सभी बैंको को कमर कसने को कहा। पढ़े विस्तृत खबर ...
मोदी की नेपाल यात्रा : मोदी ने अपने पड़ोसी देशों से संबंधों को मजबूत करने में कोई कौताही नहीं बरती। नेपाल में वे एक नहीं बल्कि दो-दो बार गए। मोदी की नेपाल यात्रा इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल की सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की और नेपाल के संविधान के समय पर तैयार होने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश ‘मुश्किलों’ में पड़ जाएगा। मोदी ने राजनीतिक दलों में आम सहमति से संविधान को समय पर तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया। पढ़ें पूरी खबर क्लिक करें.........
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सितंबर
मोदी की मेडेन अमेरिका यात्राः भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की अमेरिका यात्रा के कई कयास लगाए जा रहे थे। और बाद में मोदी अमेरिका भी गए। कई मुद्दों के लिए मोदी की अमेरिकी यात्रा चर्चा में रही।
चूंकि मोदी का 2002 गुजरात दंगे को लेकर अमेरिका का वीजा पहले निरस्त था पर जिस प्रकार से अमेरिका ने मोदी की आवाभगत की सबने देखा। साथ ही राजदीप सर देसाई का मामला किसी से छुपा नहीं है।
मंगलयान एक बड़ी उपलब्धिः देश के वैज्ञानिकों के नाम 2014 में एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई जब भारत के अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा में प्रवेश कर इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि हासिल करने के बाद भारत दुनिया में पहला ऐसा देश बन गया जिसने अपने पहले ही प्रयास में ऐसे अंतरग्रही अभियान में सफलता प्राप्त की है।
यह अब तक का सबसे कम खर्चे वाला मिशन है। कहा जा रहा कि जितना खर्चा हॉलीवुड अंतरिक्ष आधारित फिल्म ग्रेवटी को बनाने में आया था उससे भी कम खर्च भारत को मंगल यान के लिए करना पड़ा। दुनिया भारत के इस अभूतपूर्व कार्य को देखकर हतप्रभ है।
कुल 450 करोड़ रुपये की लागत वाले मंगल यान का उद्देश्य लाल ग्रह की सतह तथा उसके खनिज अवयवों का अध्ययन करना तथा उसके वातावरण में मीथेन गैस की खोज करना है। पृथ्वी पर जीवन के लिए मीथेन एक महत्वपूर्ण रसायन है। इस अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण 5 नवंबर 2013 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से स्वदेश निर्मित पीएसएलवी रॉकेट से किया गया था। यह। दिसंबर 2013 को पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से बाहर निकल गया था।
सलाखों के पीछे जयललिताः तमिलनाडु की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी की अध्यक्ष जे. जयललिता को आखिर कानून के शिकंजे में फंसना ही पड़ा। कहते हैं देर आए पर दुरुस्त आए ऐसा ही कुछ इस मामले में देखने को मिला। बंगलौर की एक विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में 27 सितंबर 2014 शनिवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को दोषी करार दिया। 1996 के इस मामले में जयललिता के साथ उनकी सहयोगी शशिकला, उनके दत्तक पुत्र सुधाकरन (जिन्हें उन्होंने बाद में त्याग दिया) और शशिकला की भांजी इलावर्सी को भी दोषी ठहराया गया।
कोर्ट ने सभी दोषियों को चार-चार साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह देश में किसी नेता पर लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है। जया पहली ऐसी मुख्यमंत्री बन गई हैं जिन्हें पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई गई। चूंकि सजा तीन वर्ष से अधिक की है, लिहाजा जज के फैसला सुनाते ही जयललिता समेत सभी दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री की कुर्सी छिनने के साथ ही उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त मान ली गई। जयललिता के ऊपर 18 साल पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफ़आईआर दर्ज की गई थी। यह मामला तब दर्ज हुआ था जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं और सजा का ऐलान तब हुआ जब वह तीसरी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं।
मोदी का मेक इन इंडिया कार्यक्रम रहा खूब चर्चा मेंः भारत को एक सशक्त अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा करने के लिए मोदी सरकार ने साल में की प्रयास किए। इन्हीं प्रयासों में से एक प्रयास मेक इन इंडिया प्रोग्राम भी रहा। मेक इन इंडिया के जरिए पीएम मोदी चाहते हैं दुनिया के देशों के लिए भारत विनिर्माण का केंद्र बने, ताकि हर चीज का निर्माण इंडिया में हो।
यानी चीजों के पैकेट या कहें वस्तु पर मेड इन इंडिया लिखा हो। यह शब्द वस्तु पर तभी अंकित किया जा सकता है जब वस्तु का निर्माण भारत में हुआ हो। इसके लिए पीएम 'मेक इन इंडिया' के तहत दुनियाभर की तमाम कंपनियों को भारत में विनिर्माण करने का न्योता दे रहे हैं।
पीएम ने ' मेक इन इंडिया' और 'ज़ीरो डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट' का स्लोगन दिया था। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार निवेशकों के लिए नियामक प्रक्रिया को आसान बना रही है ताकि निवेशकों को होने वाली कठिनाईयों को कम किया जा सके। इस के लिए मेक इन इंडिया डॉटकॉम को लॉन्च किया गया है।
इसमें निवेश के सेक्टर, प्रोजेक्ट्स और पॉलिसी से जुड़ी जानकारी साझा की जा रही हैं। इसमें निवेशकों के सवालों का जवाब भी दिया जाएगा। सरकार ने विनिर्माण के 25 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है, इसमें ऑटोमोबाइल, एविएशन से लेकर रेलवे और थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट जैसे सेक्टर शामिल हैं। पढ़ें विस्तृत खबर.........
मोदी की चीन यात्रा बनते बिगड़ते रिस्तों का दौरः मैकमोहन लाइन पर घुसपैठी के मामले को लेकर दोनों देशों के बीच साल 2014 में खूब तनातनी बनी रही।
मनमोहन सिंह सरकार के समय भी चीन के नेताओं के कई दौरे देखने को मिले। साथ ही नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ उनकी चीन यात्रा कई मामलों में अहम रही। पढ़ें पूरी खबर........
अक्टूबर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मारी बाजी : महाराष्ट्र चुनाव से पूर्व शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया। इस चुनाव में भाजपा को जीत तो मिली लेकिन पूर्ण बहुमत नहीं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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नवंबर
स्मृति का संस्कृत प्रेम रहा खूब चर्चा मेंः जर्मन की जगह पर संस्कृत को स्कूल एजुकेशन में शामिल करने का मामला खूब चर्चा में रहा। पढ़ें पूरी खबर .........
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दिसंबर
स्पाइसजेट का थमता सफरः विमान कंपनी स्पाइसजेट के बढ़ते कर्ज ने कंपनी की मुश्किलों को और बढ़ा दिया।
ऑस्ट्रेलिया में आतंकवादी हमला थर्राए कंगारूः ऑस्ट्रेलिया के मुख्य शहर सिडनी के एक लोकप्रिय कैफे में एक बंदूकधारी द्वारा 17 लोगों को बंधक बनाए जाने से जुड़ा संकट आखिरकार 17 घंटों के बाद पुलिस की कार्रवाई के साथ खत्म हो गया। इस घटना में तीन लोग मारे गए, हालांकि दो भारतीय सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे।
पढ़ें विस्तृत खबर ....पाकिस्तान के पेशावर में 132 बच्चों की हत्याः पाकिस्तान के पेशावर में हुई इस दर्दनाक घटना को हमेशा याद किया जाएगा। किसी आतंकवादी संगठन का बच्चों को मारने का इतना दर्दनाक कृत्य पहले नहीं देखा गया। कहीं न कहीं पाकिस्तान को अपनी मांद में आतंकियों को पनाह देने का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
हालांकि पाकिस्तान पीएम ने यह भी स्वीकार किया कि अच्छा तालिबान और बुरा तालिबान कोई नहीं है सबको खत्म करो। पाकिस्तान की इस घटना ने भारत समेत विश्व में कोलाहल मचा रखा है।
पढ़ें विस्तृत खबर .....
एक और विमान हुआ लापताः इंडोनेशिया से सिंगापुर जा रहा एयर एशिया का एक विमान हवाई यातायात नियंत्रणकर्ताओं से संपर्क टूटने के बाद लापता हो गया। इस विमान में कुल 162 लोग सवार हैं।
भारत ने तलाशी अभियान में मदद के लिए तीन जहाज और एक समुद्री निगरानी विमान तैयार रखा है। खबरों अनुसार विमान के इंडोनेशिया के समुद्र में डूबने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
असम में कत्लेआमः असम के सोनितपुर और कोकराझार जिलों में मंगलवार को चार जगहों पर संदिग्ध बोडो उग्रवादियों के सिलसिलेवार हमलों में 52 लोगों की मौत हो गई। राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
भारत के कैलाश सत्यर्थी और पाकिस्तान की मलाला को नोबेलः भारत के कैलाश सत्यर्थी के साथ पाकिस्तान की मलाला युसुफजी को शांति के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।
भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजयी को 2014 के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया। दोनों को यह पुरस्कार उपमहाद्वीप में बाल अधिकारों को प्रोत्साहित करने के उनके कार्य के लिए प्रदान किया गया।
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झारखंड में भाजपा, 'जे एंड के' में किसी को बहुमत नहींः विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं और झारखंड में भाजपा सरकार की सरकार बनीं। दूसरी ओर जम्मू कश्मीर में कोई भी दल बहुमत के करीब नहीं पहुंच पाया है।
यहां मुफ्ती मोहम्मद सईद की पार्टी पीडीपी ने सर्वाधिक 28 सीटें जीती हैं, जबकि भाजपा 25 सीटें हासिल कर दूसरे स्थान पर रही। सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली हैं। जम्मू कश्मीर में मिशन 44 का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा कश्मीर घाटी और लद्दाख में अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
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धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लियाः भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मेलबर्न टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की।
यह जानकारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने दी।