चीन के हांगकांग में लोकतंत्र की मांग, प्रदर्शन
हांगकांग। चीन से पूर्ण सार्वभौमिक मताधिकार एवं लोकतंत्र की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे कई हजार प्रदर्शनकारियों के साथ झड़पों में पुलिस ने लगातार आंसू गैस छोड़ी लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी डटे रहे। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक केंद्र हांगकांग में दंगा पुलिस के सामने डटकर खड़ी भीड़ में ऐसे दुर्लभ दृश्य भी देखने को मिले, जब प्रदर्शनकारी नेता समर्थकों को यह नसीहत देते दिखे कि यदि रबर की गोलियां दागी जाती हैं तो वे 'पीछे हटकर अपनी जिंदगी बचाएं’।
खुद को आंसू गैस से बचाने के लिए छिपाने की कोशिश करते प्रदर्शनकारी अधिकारियों के समक्ष ‘शर्म करो’ के नारे लगा रहे थे। इनमें से कई अधिकारियों ने गैस मास्क एवं अन्य सुरक्षा उपकरण पहन रखे थे। पिछली बार हांगकांग में आंसू गैस का प्रयोग वर्ष 2005 में किया गया था।
सप्ताहभर छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों से सड़कों पर गुस्साए लोगों का हुजूम उमड़ आया है। इससे शहर में प्रदर्शनों में नाटकीय ढंग से वृद्धि हुई है जिसमें कभी-कभी इस तरह की हिंसा भी नजर आती है।
प्रदर्शनकारी सार्वभौमिक मताधिकारों की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। बीजिंग ने पिछले माह कहा था कि वह शहर के नेता के लिए 2017 में चुनाव होने देगा लेकिन उम्मीदवारों की भली प्रकार से जांच वह खुद ही करेगा। इस फैसले को एक ‘नकली लोकतंत्र’ कहा जा रहा है। (भाषा)