1. गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान, बढ़ता हुआ गर्भाशय मूत्राशय पर दबाव डालता है, जिससे मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
2. प्रसव: प्रसव के दौरान, मूत्राशय की मांसपेशियां और आसपास की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
3. बढ़ती उम्र: उम्र के साथ, मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और मूत्र को रोकने की क्षमता कम हो जाती है।
5. कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि मूत्रवर्धक, मूत्राशय की मांसपेशियों को कमजोर कर सकती हैं।
6. कुछ बीमारियां: जैसे कि मधुमेह, स्ट्रोक या मल्टीपल स्केलेरोसिस, यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस का कारण बन सकते हैं।
रोजाना 10 मिनट करें ये योगासन:
1. अश्विन मुद्रा: इस मुद्रा में, आप अपने पैरों को कंधों की चौड़ाई पर रखते हैं और अपने हाथों को ऊपर उठाते हैं। यह मुद्रा मूत्राशय की मांसपेशियों को मज़बूत करने में मदद करती है।
2. उत्तानासन: इस मुद्रा में, आप अपने पैरों को सीधा रखते हैं और अपने शरीर को आगे झुकाते हैं। यह मुद्रा पेट के अंगों को मज़बूत करने में मदद करती है।
3. भ्रामरी प्राणायाम: इस प्राणायाम में, आप अपने नाक से सांस लेते हैं और मुंह से सांस छोड़ते हैं, एक भौंरा की आवाज़ निकालते हैं। यह प्राणायाम तनाव को कम करने और मूत्राशय की मांसपेशियों को शांत करने में मदद करता है।
ध्यान रखें:
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अपने डॉक्टर से सलाह लें और स्व-उपचार से बचें।
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नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें।
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पर्याप्त पानी पिएं।
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कैफीन और शराब का सेवन कम करें।
यदि आप छींकते समय यूरिन निकलने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो घबराएं नहीं। उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं जो आपको इस समस्या से निजात दिला सकते हैं।
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