शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. योग
  4. »
  5. योगासन
  6. वीरासन योग मुद्रा
Written By WD

वीरासन योग मुद्रा

वीरासन योग क्रिया
FILE
वीर का अर्थ होता है बहादुर। इसके अभ्यास से हाथ-पैर मजबूत हो जाते हैं। वज्रासन और वीरासन में कोई खास फर्क नहीं होता। वैसे ‍वीरासन की कई और भी स्थितियां होती है। यहां प्रस्तुत है वीरासन की सामान्य विधि।

वीरासन विधि (Virasana Yoga)
स्टेप 1. समतल भूमि पर नर्म आसन बिछाकर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। अर्थात, घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं।

स्टेप 2. अब दोनों पैरों को थोड़ा फैलाएं और हिप्स को भूमि पर टिकाकर सीध में रखें।

स्टेप 3. अब दोनों हाथों को घुटनों पर सीधा तानकर रखें।

स्टेप 4. कंधों को आराम की मुद्रा में रखें और तनकर बैठें। सिर को सीधा रखें और सामने की ओर देखें। इस मुद्रा में 30 सेकेंड से 1 मिनट तक बने रहें।

FILE
इस आसन से लाभ : इस आसन के नियमित अभ्यास से अधिक नींद आने की समस्या पर नियंत्रण हो सकेगा। जंघा और पांव शक्तिशाली बनते हैं। शरीर का भारीपन दूर होता है। श्वसन एवं ध्यान मुद्रा के संदर्भ में वीरासन काफी उपयोगी है।

वीरासन योग (hero pose) में जंघाओं, घुटनों, पैरों एवं कोहनियों का व्यायाम होता है। इस मुद्रा से शरीर का पीछला भाग संतुलित रहता है। शरीर को सुडौल बनाए रखने के लिए भी यह योग लाभप्रद है।

सावधानियां : जब आपके घुटनों एवं टखनों में किसी प्रकार की परेशानी महसूस हो उस समय इस योग मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए।