Year Ender 2021: वर्ष भर कोरोना से जूझते लोगों के सामने अब ओमिक्रॉन की चुनौती, वैक्सीन बन रही जीवन की ढाल
इतिहास के पन्नों में साल 2021 कोरोना के क्रूर काल के रूप में दर्ज हो गया। कोरोना के डेल्टा वैरिंएट से भारत में कोरोना वायरस ने रौद्र रूप अख्तियार करते हुए लाखों जिंदगियां तबाह कर दी। अस्पतालों में मरीजों की कतार थी तो श्मशान घाट पर लाशों की। महामारी के क्रूर काल की गवाही गंगा की लहरें भी दे रही थी जिसके किनारों पर लाशों के अंबार की तस्वीरों ने पूरी दुनिया को विचलित कर दिया। आइए नजर डालते है साल 2021 की कोरोना काल के बड़ी खबरें।
1-वैक्सीनेशन की शुरुआत के साथ साल का आगाज- कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत में साल की शुरुआत वायरस के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के रूप में देशव्यापी टीकाकरण अभियान से हुई। 16 जनवरी से शुरु हुए वैक्सीनेशन महाअभियान के पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की खुराक दी गई थी। वहीं कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई रहे फ्रंट लाइन वर्कर्स का टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ।
2-कोरोना महामारी का दिखा तांडव-कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित होने वाले साल 2021 में अप्रैल और मई महीने में कोरोना का तांडव दिखाई देने को मिला। महामारी के चलते अस्पतालों से लेकर श्मशान घाट तक कतारें दिखाई दी। अस्पताल में जहां लोग इलाज के लिए एक अदद बेड के साथ ऑक्सीजन के लिए बिलखते हुए दिखाई दी तो श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह की कतारें दिखाई देने को मिली। कोरोना के चलते इतने बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई कि लोगों को मजबूरन शवों को नदियों में बहाने पड़े। बनारस, प्रयागराज और कानपुर में गंगा के किनारे हजारों की संख्या शव तैरने वाले दृश्य देखकर लोग विचलित हो गए।
3-कोरोना महामारी के विस्तार के साथ वैक्सीनेशन पर जोर-देश में कोरोना महामारी के विस्तार के साथ कोरोना वैक्सीनेशन पर भी सरकार का पूरा फोकस रहा है। एक मार्च से देश में टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। इस चरण में 45 साल से उपर वालों के गंभीर बीमार वालों को कोरोना वरियर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही थी। इसके बाद एक अप्रैल से 45 साल से उपर वाले सभी को मुफ्त वैक्सीन लगना शुरु हुई। वहीं एक मई से 18 साल से उपर वालों को वैक्सीन लगाकर देश की बड़ी आबादी को वैक्सीनेशन के दायरे में लाया गया।
4-100 करोड़ वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड-21 अक्टूबर में भारत ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बनाकर नया इतिहास बनाया। तमाम शंका और आंशकाओं को निर्मूल साबित करते हुए भारत ने मात्र 9 महीने में 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आकंड़ा छू लिया। 16 जनवरी से शुरु हुए वैक्सीनेशन में देश ने करीब 10 महीने में यह आंकड़ा छू लिया। अब देश तेजी से 150 करोड़ वैक्सीनेशन की ओर बढ़ चला है।
5-खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन की दस्तक-साल के खत्म होने तक देश में खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट ने भी दस्तक दे दी। देखते ही देखते ओमिक्रॉन के मामले 20 से अधिक राज्यों में पहुंच गए। ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ने के बाद देश के कई राज्यों में नाइट कफर्यू लगाने के साथ पाबदियों का एलान कर दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ओमिक्रॉन से घबराने नहीं सतर्क रहने की अपील की।
6-बच्चों के वैक्सीनेशन और प्रिकॉशनरी डोज का एलान-साल 2021 खत्म होते-होते 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल में बच्चों के वैक्सीनेशन का एलान किया है। प्रधानमंत्री ने 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के वैक्सीनेशन का एलान किया है। इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों के लिए प्रिकॉशनरी डोज का ऐलान किया।
इसके तहत हेल्थकेयर वर्कर्स और पहले से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को अगले साल 10 जनवरी से तीसरी डोज लगाने का फैसला किया गया है। देश में फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या करीब 3 करोड़ और 60 पार बुजुर्गों की संख्या 11 करोड़ से अधिक है। वैक्सीनेशन की तीसरी प्रिकॉशनरी डोज के लिए वही लोग अप्लाई कर सकेंगे, जिन्हें कोरोना की दूसरी डोज लगे हुए 9 महीने बीत चुके हैं।
7-दो और वैक्सीन को मंजूरी- साल के आखिर में देश को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में दो और वैक्सीन की मंजूरी मिल गई। केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने कोवोवैक्स और कोर्बेवैक्स को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है। इसके साथ कोरोना की दवा के रूप में मोलनुपिराविर के उपयोग को मंजूरी दे दी है।