• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. विधानसभा चुनाव 2021
  3. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021
  4. भाजपा ने तृणमूल कार्यकर्ताओं पर दफ्तर जलाने, शुभेंदु के साथ हाथापाई करने का लगाया आरोप
Written By
Last Updated : सोमवार, 3 मई 2021 (12:03 IST)

भाजपा ने तृणमूल कार्यकर्ताओं पर दफ्तर जलाने, शुभेंदु के साथ हाथापाई करने का लगाया आरोप

TMC worker
कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हुगली जिले में उसके पार्टी कार्यालय को आग लगा दी और शुभेंदु अधिकारी समेत उसके कुछ नेताओं के साथ हाथापाई की। पार्टी ने कहा कि यह सब तब किया गया, जब चुनाव परिणामों में दिखा कि ममता बनर्जी की पार्टी बंगाल में अपनी सत्ता कायम रखने वाली है।
 
हुगली में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को सजा दी जाएगी। स्थानीय भाजपा नेता ने दावा किया कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उनकी पार्टी की प्रत्याशी सुजाता मंडल की हार होने के तुरंत बाद भगवा दल के आरामबाग कार्यालय को आग लगा दी। हालांकि तृणमूल के सूत्रों ने इन आरोपों से इंकार किया है।

 
स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी की हार का बदला लेने के लिए आगजनी की और हमारे पार्टी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। खबरों के मुताबिक पूर्व मेदिनीपुर में तृणमूल के लोगों ने भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के वाहन के पास प्रदर्शन किया।

अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कांटे की टक्कर में बहुचर्चित नंदीग्राम सीट से हरा दिया। भगवा पार्टी के सदस्यों ने दावा किया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने अधिकारी की गाड़ी के सामने के हिस्से पर जोर-जोर से दस्तक दी और हल्दिया में मतदान केंद्र के पास पथराव भी किया। 
 
तृणमूल के एक कार्यकर्ता को कहते हुए सुना गया कि 'वह गद्दार है, उसने परिणामों को बदलने के लिए अनुचित साधनों का इस्तेमाल किया है।' पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों पार्टियों के समर्थक उत्तर 24 परगना के बारासात इलाके में चुनाव के नतीजों को लेकर तीखी बहस के बाद मारपीट पर उतर आए थे। भाजपा ने भी दावा किया कि उसके एक सदस्य को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने शहर के बेलाघाट इलाके में बुरी तरह से पीटा। इस आरोप से ममता बनर्जी की पार्टी ने इंकार किया है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
एक्सप्लेनर: बंगाल में ममता के समर्थन में महिलाओं और मुस्लिम वोटरों का आखिर क्यों हुआ ध्रुवीकरण?