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Last Updated : रविवार, 13 फ़रवरी 2022 (13:35 IST)

उत्तराखंड चुनाव : यह 5 दिग्गज क्या 5वीं विधानसभा में भी रहेंगे अजेय?

उत्तराखंड चुनाव : यह 5 दिग्गज क्या 5वीं विधानसभा में भी रहेंगे अजेय? - Uttarakhand election : will these 5 leader wins
देहरादून। उत्तराखंड राज्य में इन विधानसभा चुनावों में 5 नेता ऐसे हैं जो अब तक हुए चुनाव में एक भी चुनाव नहीं हारे। इनमे से 3 कांग्रेस और 2 भाजपा के हैं। मगर इस बार इनका राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा बताया जा रहा है। मुख्यधारा के दोनों दलों में से भाजपा के मदन कौशिक, बिशन सिंह चुफाल पिछले 4 चुनावों से लगातार जीत रहे हैं।
 
कांग्रेस से चुनाव मैदान में उतरे यशपाल आर्य, गोविन्द सिंह कुंजवाल और प्रीतम सिंह भी चार विधानसभा चुनाव लगातार जीते हैं। यशपाल आर्य पिछले चुनाव भाजपा से जीते थे। जबकि इस बार कांग्रेस से चुनाव मैदान में हैं।
 
कांग्रेस के नेता प्रीतम सिंह चकराता से, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल डीडीहाट, यशपाल आर्य बाजपुर और गोविन्द सिंह कुंजवाल, जागेश्वर से लगातार चार चुनाव जीते हैं।
 
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह वर्ष 2002 से 17 के दौरान राज्य की चकराता विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित होते आए हैं। वे 2 बार सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष हैं।
 
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष मदन कौशिक भी 4 बार से विधानसभा चुनाव में हरिद्वार शहर सीट से निर्वाचित होते रहे हैं। वे दो बार राज्य कैबिनेट मंत्री रहे और वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
 
डीडीहाट से बिशन सिंह चुफाल भी लगातार चार बार से इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और पांचवी बार चुनाव मैदान में हैं। वह भी दो बार काबीना मंत्री रहे और पूर्व में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
 
यशपाल आर्य भी पांचवीं बार विधानसभा पहुंचने का प्रयास करेंगे। वो 2002 और 2007 में नैनीताल जिले की मुक्तेश्वर सुरक्षित सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद राज्य की विधानसभा सीटों के पुनर्सीमांकन के बाद 2012 के चुनाव में बाजपुर से कांग्रेस के टिकट पर व 2017 में भाजपा से विधायक बने थे। अब वे भी पांचवीं बार किस्मत आजमा रहे हैं।
 
पूर्व में कैबिनेट मंत्री और स्पीकर रह चुके कोविंद सिंह कुंजवाल भी पांचवी बार विधानसभा पहुंचने की जुगत में हैं। इससे पहले 2002 से 2017 तक अल्मोड़ा जनपद की जागेश्वर विधानसभा से निर्वाचित होते आए हैं। पांचवीं बाद इसी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्षों के साथ ही एक वर्तमान अध्यक्ष की प्रतिष्ठा चकराता, डीडीहाट, बाजपुर, जागेश्वर और हरिद्वार विधानसभा में दांव पर लगी है।
 
क्या ये पांचों क्षत्रप इस बार भी अपने राजनीतिक रूप से अजेय दुर्ग को बचा सकेंगे या फिर इन विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता इनको नकार सकते हैं। इस पर पूरे प्रदेश की निगाह लगी हुई है। इनमे से मदन कौशिक, बिशन सिंह चुफाल के सम्मुख लड़ाई इस बार कठिन दिखाई दे रही है।