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Last Updated :लखनऊ , मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 (23:24 IST)

UP में खाने में थूका तो खैर नहीं, खाने-पीने के सामान को लेकर अध्यादेश लाएगी योगी सरकार

UP में खाने में थूका तो खैर नहीं, खाने-पीने के सामान को लेकर अध्यादेश लाएगी योगी सरकार - UP govt to bring in ordinance to  prevent spitting in food
खाने-पीने की चीजों में थूकने और फर्जी नाम से बेचने वालों पर योगी सरकार सख्‍ती करने जा रही है। उत्तरप्रदेश सरकार पहचान छिपाकर खाद्य व पेय पदार्थों में मिलावट करने और उत्पादों में मानव मल, अखाद्य तथा गंदी चीजें मिलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जल्द ही नया कानून लाएगी। अधिकारियों ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।
 
मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में हुई मिलावट की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यहां आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में यह बात कही।
 
योगी ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और जुर्माना सुनिश्चित किया जाना चाहिए और ऐसे अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।
 
देश के विभिन्न हिस्सों में जूस, दाल और रोटी जैसे खाद्य पदार्थों में मानव मल, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखी गई हैं। योगी ने कहा कि ऐसी घटनाएं भयावह हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
 
उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और इस तरह के नापाक प्रयासों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
 
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने तथा उपभोक्ताओं का विश्वास बनाए रखने के महत्व को ध्यान में रखते हुए सख्त कानून बनाना आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे होटल, रेस्तरां, ढाबा, रेहड़ी-पटरी वालों से संबंधित इन गतिविधियों के संबंध में स्पष्ट कानून बनाएं। योगी ने कहा कि ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता को खाद्य व पेय पदार्थों के विक्रेता और सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रखने का अधिकार होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी दुकान में कोई भी खाद्य पदार्थ दूषित न हो।
 
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर और भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होना चाहिए, जिनकी कम से कम एक महीने की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जानी चाहिए।  भाषा
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