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Last Updated : मंगलवार, 19 मार्च 2024 (20:23 IST)

नशे का विरोध करना शिक्षक को पड़ा महंगा, हेड कांस्टेबल ने उतारा मौत के घाट

गुस्साए शिक्षकों को मिला राकेश टिकैत का समर्थन

नशे का विरोध करना शिक्षक को पड़ा महंगा, हेड कांस्टेबल ने उतारा मौत के घाट - Head constable killed teacher
Muzaffarnagar Crime News: उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में सरकार की मुसीबतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। यहां कभी सिपाही (constable) भर्ती परीक्षा लीक के तार जुड़ते हैं तो कभी पुलिसकर्मी मात्र मादक पदार्थ के लिए एक शिक्षक (teacher) को मौत के घाट उतार देता है। इसके चलते शिक्षकों के विभिन्न गुट अपने और परिवार की सुरक्षा के लिए लामबंद होकर सड़क पर उतर चुके हैं। चुनावी सरगर्मी तेज है, ऐसे में सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती है।
 
अखिलेश यादव और राकेश टिकैत की चेतावनी : शिक्षक हत्याकांड पर सपा नेता अखिलेश यादव ने शिक्षामंत्री को जागने की सलाह दी है तो वहीं राकेश टिकैत ने भी शिक्षकों के समर्थन में आकर कहा है कि यदि पीड़ित परिजनों की मांगें पूरी नहीं होतीं, सरकार से न्याय नहीं मिलता है तो वे किसानों को बुला लेंगे।

 
ताजा मामला मुजफ्फरनगर सिविल लाइन क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। यहां के एसडी इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियां वाराणसी से जांच के लिए एक में ट्रक में लाई गई थीं। एसडी कॉलेज का गेट बंद होने के चलते ड्राइवर ने ट्रक को साइड में खड़ा कर दिया। उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा के लिए शिक्षक धर्मेंद्र कुमार, संतोष कुमार, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जितेंद्र मौर्य, कृष्ण प्रताप और वाराणसी पुलिस लाइन में तैनात दरोगा नागेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश मय हथियार आए थे।
 
इन लोगों ने उत्तर पुस्तिकाओं को जांच के लिए पहले प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद और बिजनौर जिले में उतारी और उसके बाद यह लोग मुजफ्फरनगर जिले के एसडी कॉलेज पहुंचे। देर रात्रि के चलते शिक्षक संतोष और दरोगा नागेन्द्र आराम करने के लिए चालक के कैबिन में चले गए, वहीं पीछे की तरफ शिक्षक धर्मेंद्र और हेड कांस्टेबल चंद्रप्रकाश और दोनों चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रह गए।

 
शराब के नशे में हत्या कर दी : मिली जानकारी के मुताबिक नशे का आदी हेड कांस्टेबल चंद्रप्रकाश बार-बार चतुर्थ श्रेणी के दोनों कर्मचारियों से तम्बाकू मांग रहा था। शिक्षक धर्मेंद्र ने ऐसा करने से रोका तो हेड कांस्टेबल आगबबूला हो गया और उसने अपनी सरकारी कार्बाइन से गोलियां बरसाकर चंदौली जिले के रहने वाले टीचर धर्मेंद्र की हत्या कर दी। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने शराब में धुत चंद्रप्रकाश को मय हथियार गिरफ्तार कर लिया।
 
यूपी के जिलों में हड़कंप मचा : शिक्षा के पुजारी की हुई इस हत्या से यूपी के जिलों में हड़कंप मच गया। मुजफ्फरनगर सहित अन्य जिलों में यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में जुटे शिक्षकों ने कार्य से बहिष्कार कर दिया। 13 जिलों के मूल्यांकन कार्य ठप होने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। जहां भी मूल्यांकन कार्य प्रभावित हुआ, उस जिले के शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को मनाने में जुट गए।

 
हत्यारे चंद्र प्रकाश पर NSA लगाने की मांग : शिक्षकों की मांग है कि हत्यारे चंद्रप्रकाश पर NSA लगाई जाए और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी व 10 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। वहीं माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सरकार को पत्र लिखकर पीड़ित परिजनों को 25 लाख की आर्थिक मदद दिए जाने का पत्र लिखा है।
 
हेड कांस्टेबल तत्काल प्रभाव से बर्खास्त : मृतक अध्यापक धर्मेंद्र के भाई की तहरीर पर 302 और जातिसूचक शब्द कहे जाने पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। हेड कांस्टेबल चंद्रप्रकाश वर्तमान में वाराणसी में तैनात था जिसके चलते वाराणसी के सीपी मोहित अग्रवाल ने उसे तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है, वहीं उन्होंने आदेश दिए हैं कि वाराणसी कमिश्नरी में जो भी पुलिसकर्मी नशे के आदी हैं, उन्हें चिन्हित किया जाए। चुनाव नजदीक होने के चलते दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों को चुनाव में न भेजने के निर्णय पर भी विचार किया जा रहा है।
 
शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य न करने का निर्णय लिया : मुजफ्फरनगर में बेकसूर शिक्षक की मौत पर उबाल है। शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य न करने का निर्णय लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शिक्षकों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी अपनी ताल ठोंक दी है।
 
उन्होंने कहा है कि शिक्षकों की कमेटी अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है। वह बात कर रही है कि 5 या 11 लोग आगे रहें। सरकार से बातचीत के बाद यदि हल नहीं निकलता तो वे इस लड़ाई में किसानों को भी बुला लेंगे। सपा सुप्रीमो अखिलेश ने भी कहा है कि यदि शिक्षामंत्री हो तो वह जाग जाए। ऐसे में चुनावी हवा किस ओर बहेगी, यह भविष्य की गर्त में छिपा है।
 
Edited by: Ravindra Gupta