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Written By अवनीश कुमार
Last Updated : मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021 (10:26 IST)

रो पड़ी दिव्यांग महिला, पुलिस की गाड़ी में डलवाया डीजल, फिर भी नहीं लेकर आए बिटिया

रो पड़ी दिव्यांग महिला, पुलिस की गाड़ी में डलवाया डीजल, फिर भी नहीं लेकर आए बिटिया - divyang woman blames Kanpur Police
कानपुर। कानपुर पुलिस अपने कारनामों की वजह से पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बनी रहती है और योगी सरकार तथा पुलिस विभाग की किरकिरी कराने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती। ऐसा ही एक मामला कानपुर डीआईजी ऑफिस में देखने को मिला जब एक दिव्यांग महिला रो-रो कर अपनी बच्ची को ढूंढने की गुहार लगा रही थी।
 
महिला कह रही थी साहब 1 महीने हो गया है अब तो हमारी बच्ची से हमसे मिलवा दो और उसने यह भी कहा कि साहब पुलिस वाले भैया ने डीजल के पैसे मांगे थे। मैंने वह भी दे दिए। फिर भी मेरी बच्ची को ढूंढ कर नहीं ला रहे हैं। पीड़ित दिव्यांग महिला की गुहार सुन डीआईजी कानपुर डॉ. प्रितिंदर सिंह भी दंग रह गए। उन्होंने महिला को बैठा कर उसे पानी पिलाया और फिर पूरी उसकी समस्या को सुना और जल्द से जल्द बच्ची को ढूंढने का आश्वासन भी दिया।
 
दिव्यांग महिला के द्वारा थाना चकेरी की चौकी सनिगवां के चौकी इंचार्ज राजपाल सिंह पर लगाए गए गंभीर आरोपों को देखते हुए महिला के सामने ही तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर विभागीय जांच के आदेश भी दिए। और फिर पुलिस स्कॉट से महिला को घर तक छोड़ने के निर्देश भी मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों को दिए।
 
क्या है मामला : कानपुर के थाना चकेरी के अंतर्गत सनिगवां निवासी दिव्यांग विधवा वृद्धा गुड़िया की नाबालिग बेटी एक माह से लापता है। इसकी चकेरी थाने में गुमशुदगी भी दर्ज की गई थी। महिला ने अपने ही दूर के एक रिश्तेदारों पर बेटी को गायब करने का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस उसकी एक भी बात को नहीं ध्यान दे रही थी और ऊपर से चौकी जाने पर उसे डांट कर भगा देते थे।
 
महिला गुड़िया ने बताया पुलिस से वह लगातार बेटी को खोजने की गुहार लगा रही थी। मगर पुलिस ने बेटी खोजने के नाम पर उससे गाड़ी में डीजल डलवाने की बात कही और उसने वह भी किया और लगभग 10 से 12 हजार रुपए का डीजल पुलिस की गाड़ी में डलवा चुकी है। महिला ने यह भी बताया एक दो बार पुलिस वाले गाड़ी से बेटी को लेने के लिए गए भी थे पर बेटी को लेकर नहीं आए।
 
उसने बताया कि अब उसके पास पैसे नहीं है अब वह डीजल कहां से डलवाए। उसने यह भी बताया कि वह लखनऊ में मुख्यमंत्री के ऑफिस तक शिकायत करने के लिए गई थी लेकिन वहां से भी कुछ नहीं हुआ और लौट के फिर उसे चौकी जाना पड़ा। जहां उसके साथ पुलिस वाले सिर्फ गाली-गलौज और दुत्कार कर भगा देते हैं और बेटी पर ही गलत होने का आरोप लगाते हैं।
 
क्या बोले डीआईजी : पूरे मामले को लेकर डीआईजी कानपुर डॉ. प्रितिंदर सिंह ने बताया कि थाना चकेरी पर अभियोग पंजीकृत है। लड़की की बरामदगी के लिए सीओ कैट के निर्देशन में 4 टीमे गठित की गई और चौकी इंचार्ज सनिगवां उ.नि. राजपाल सिंह को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए।
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