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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 9 मई 2025 (14:35 IST)

वॉर के रेडिएशन से बचने के आसान और प्रैक्टिकल तरीके, परमाणु बम गिरने पर भी आएंगे काम

India Pakistan Nuclear War
India Pakistan Nuclear War: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति बेहद तनावपूर्ण होती जा रही है, और हालात दिन-ब-दिन और अधिक संवेदनशील रूप ले रहे हैं। हाल ही में भारतीय सेना द्वारा जवाबी कार्रवाइयों के रूप में अंजाम दिए गए एक बड़े अभियान, “ऑपरेशन सिंदूर” ने इस क्षेत्रीय तनाव को और ज्यादा गंभीर बना दिया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई जब पाकिस्तान ने खुले तौर पर परमाणु हमले की धमकी दी थी, जिससे देशभर में चिंता और गुस्से का माहौल बन गया।
 
दरअसल, इस ऑपरेशन की नींव उस समय पड़ी जब जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में एक भयावह आतंकी हमला हुआ। इस हमले में कई निर्दोष नागरिक और सुरक्षाबल हताहत हुए। यह हमला आतंकी संगठनों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था, और शुरुआती जांच में इसके तार पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े पाए गए। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य स्पष्ट था, पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित उन आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना जो बार-बार भारत की संप्रभुता को चुनौती देते रहे हैं। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने खास रणनीति के तहत एक साथ नौ बड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। 
 
भारत की इस आक्रामक सैन्य कार्रवाई के बाद आतंकियों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। कई आतंकवादी मारे गए हैं और उनके कम्युनिकेशन और ट्रेनिंग केंद्रों को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है। इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट संकेत गया है कि भारत अब आतंकी हमलों को लेकर चुप नहीं बैठेगा, और यदि दुश्मन देश परमाणु हमले जैसी धमकियों का सहारा लेता है, तो भारत हर स्तर पर जवाब देने के लिए तैयार है।
 
परमाणु हमला होने पर रेडिएशन से बचने तरीका
परमाणु हमले का सबसे विनाशकारी प्रभाव सिर्फ विस्फोट नहीं होता, बल्कि उसके बाद फैलने वाला रेडिएशन (Radiation) होता है, जो वर्षों तक हवा, पानी, मिट्टी और इंसानों को संक्रमित कर सकता है। आज की बदलती वैश्विक राजनीति में कोई देश कब किसी उन्मादी कदम की ओर बढ़ जाए, इसकी भविष्यवाणी करना असंभव है। हाल ही में पाकिस्तान द्वारा भारत के पश्चिमी क्षेत्रों पर किये ज्जा रहे हमलों के बीच यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि यदि कभी भारत पर परमाणु हमला हो जाए, तो हम रेडिएशन से कैसे बच सकते हैं? आइए आसान भाषा में जानें- 
 
रेडिएशन क्या है और यह शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
रेडिएशन मूल रूप से ऊर्जावान कणों की ऐसी लहरें होती हैं जो किसी परमाणु विस्फोट के दौरान निकलती हैं। यह लहरें जब किसी इंसानी शरीर के संपर्क में आती हैं, तो डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे कैंसर, त्वचा जलना, अंगों का फेल होना, और लंबे समय तक रहने वाले गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह बेहद खतरनाक होती है। रेडिएशन मुख्यतः तीन प्रकार का होता है - अल्फा, बीटा और गामा। इनमें सबसे खतरनाक गामा रेडिएशन होता है, जो दीवारों और सीसे जैसी बाधाओं को भी पार कर सकता है।
 
1. एक मजबूत शेल्टर बनाना, बचाव का पहला और अहम कदम
रेडिएशन से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है शेल्टर यानी सुरक्षित आश्रय। यदि आपके पास खुद का बंकर या बेसमेंट नहीं है, तो आप घर में ही एक सुरक्षित जगह बना सकते हैं। इसके लिए आपको: किसी ऐसे कमरे का चयन करना चाहिए जो अंदरूनी हो और जिसमें कोई खिड़की न हो। दीवारों को मोटा बनाने या उनके चारों ओर बालू की बोरियां, पानी की बाल्टियां, या सीमेंट के ब्लॉक्स रख सकते हैं। इससे गामा रेडिएशन की तीव्रता कम होती है। शेल्टर को हवा बंद रखना चाहिए, ताकि बाहर की रेडियोएक्टिव धूल अंदर न आ सके। यह शेल्टर कम से कम 72 घंटे के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए क्योंकि पहले 3 दिनों में रेडिएशन का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है।
 
2. इमरजेंसी किट हमेशा तैयार रखें
परमाणु हमले की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देना जरूरी होता है, इसलिए एक आपातकालीन बैग (Go Bag) हमेशा तैयार होना चाहिए। इस बैग में ये चीजें होनी चाहिए:
  • पानी की बोतलें 
  • पैक्ड स्नैक्स (इंस्टेंट नूडल्स, बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स)
  • एनएफएफ गैस मास्क या एन95 मास्क
  • iodine tablets (Potassium Iodide)- ये थायरॉइड को रेडिएशन से बचाती हैं।
  • टॉर्च, बैटरियां, सोलर चार्जर
  • रेडियो, ताकि आप सरकारी अपडेट सुन सकें
  • फर्स्ट ऐड किट, सैनेटाइजर और जरूरी दवाइयां
  • कपड़े और जरूरी डॉक्युमेंट्स की फोटोकॉपी
  • इस बैग को हमेशा ऐसी जगह रखें जहां आप जरूरत पड़ने पर तुरंत उसे उठा सकें।
3. बॉडी को ढंककर रखें
परमाणु हमले के तुरंत बाद यदि आप बाहर हैं, तो ध्यान रखें कि शरीर का कोई भी हिस्सा खुला न हो। रेडिएशन सीधे स्किन को प्रभावित करता है। इसलिए पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े, टाइट ग्लव्स, और फेस कवरिंग मास्क पहनें। बाहर से आने के बाद कपड़े बिल्कुल अलग रखें, उन्हें नष्ट कर दें या साफ करें। शरीर को साबुन और पानी से तुरंत धोएं ताकि रेडियोएक्टिव धूल हटाई जा सके।
 
4. संक्रमण से बचना जरूरी
परमाणु विस्फोट के बाद बारिश या हवा के माध्यम से रेडिएशन पानी और खाद्य पदार्थों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए: हमेशा पानी को बॉइल या फिल्टर करके ही पिएं। खुले में पका खाना, पत्तियों से निकला पानी या कच्चे फल/सब्जी न खाएं। रेडिएशन से सुरक्षित खाद्य वस्तुएं जैसे टिन्ड फूड्स, पैक्ड बिस्किट, मिल्क पाउडर ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
 
5. आयोडीन टैबलेट का प्रयोग
परमाणु हमले के बाद हवा में रेडियोएक्टिव आयोडीन फैल सकता है, जिसे अगर हम सांस या भोजन के ज़रिए ले लें, तो थायरॉइड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए Potassium Iodide (KI) टैबलेट लेना चाहिए, जो थायरॉइड ग्रंथि को रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशोषित करने से रोकती है। इन टैबलेट्स को केवल सरकारी या डॉक्टर की सलाह पर ही लें, क्योंकि गलत डोज से नुकसान हो सकता है।
 
6. पैनिक न करें
परमाणु हमले जैसी परिस्थिति में घबराहट और अफवाहें फैलना आम है। लेकिन खुद को मानसिक रूप से स्थिर रखने की कोशिश करें। सरकारी सूचना पर विश्वास करें, सोशल मीडिया की अपुष्ट बातों से दूर रहें। अपने परिवार और बच्चों को सकारात्मक आश्वासन देते रहें, यह मानसिक राहत देता है।
 
7. हमले के बाद बाहर कब निकलें?
रेडिएशन के स्तर समय के साथ धीरे-धीरे कम होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार:
  • हमले के पहले 24 घंटे सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं।
  • 72 घंटे के बाद रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है।
  • जब सरकार या वैज्ञानिक एजेंसियां “All clear” घोषित करें तभी बाहर निकलें।
  • यदि जरूरी हो तो बाहर जाते समय सिर, चेहरा और शरीर को पूरी तरह कवर्ड गियर से ढकें। 

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