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Last Updated : मंगलवार, 24 जनवरी 2023 (22:27 IST)

FICCI ने की आम बजट में सरकार से अप्रत्याशित लाभ कर समाप्त करने की मांग

FICCI ने की आम बजट में सरकार से अप्रत्याशित लाभ कर समाप्त करने की मांग - FICCI demands abolition of windfall profit tax from the government in the general budget
नई दिल्ली। उद्योग मंडल फिक्की ने सरकार से आगामी आम बजट में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को समाप्त करने की मांग की है। उद्योग मंडल ने कहा है कि इस तरह का कर निवेश आधारित तेल एवं गैस खोज क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। उद्योग मंडल ने आम बजट के लिए सरकार को दी सिफारिशों में यह मांग की है।
 
देश ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के सामान्य से अधिक मुनाफे पर कर लगाते हैं। उस समय घरेलू कच्चे तेल पर 23,250 रुपए प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था।
 
पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन एटीएफ के निर्यात पर भी नया कर लगाया गया है। प्रत्येक पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर इसकी समीक्षा की जाती है। उद्योग मंडल फिक्की ने बजट के लिए अपनी सिफारिशों में कहा है कि इस तरह का कर अन्य सभी मौजूदा शुल्कों के अतिरिक्त है।
 
फिक्की ने कहा कि पेट्रोलियम कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को हटा दिया जाना चाहिए या यदि असाधारण उपाय के रूप में कुछ समय के लिए इसे जारी रखने की आवश्यकता है तो इसकी दर को सीमित किया जाना चाहिए। फिक्की ने कहा कि यह अप्रत्याशित लाभ कर अन्य शुल्कों के अतिरिक्त है।
 
फिक्की ने कहा कि इसके अलावा अप्रत्याशित लाभ कर की गणना प्रति टन उत्पादन के आधार पर की जाती है और इसकी गणना प्राप्त मूल्य के प्रतिशत के हिसाब से नहीं होती। ऐसे में दाम घटने पर तेल उत्पादकों के लिए दिक्कतें आती हैं। फिक्की ने कहा कि यह कर खोज एवं विकास के निवेश प्रस्तावों को प्रभावित कर रहा है।
 
वेदांता लिमिटेड के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुनील दुग्गल ने कहा कि वर्तमान में घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों पर लगभग 70 प्रतिशत कर लगाया जाता है। वैश्विक मानकों का पालन करते हुए 35-40 प्रतिशत की कर संरचना इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश को बढ़ावा देगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta