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Last Updated : शनिवार, 1 फ़रवरी 2020 (17:31 IST)

Budget 2020 : नए Income Tax Slabs को लेकर कन्फ्यूजन है तो समझिए आसान शब्दों में

Budget 2020 : नए Income Tax Slabs को लेकर कन्फ्यूजन है तो समझिए आसान शब्दों में - budget 2020 : income tax slab rejigs proposed heres how it impacts you
नई दिल्‍ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव कर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि नए टैक्स स्लैब से 15 लाख तक आय वालों को 78 हजार रुपए तक का फायदा होगा। नई टैक्स स्लैब को लेकर अधिकतर लोग असमंजस में हैं।
 
वित्तमंत्री ने यह भी कहा टैक्स के लिए दो विकल्प रहेंगे। करदाता पुरानी टैक्स स्लैब को भी चुन सकते हैं। नई टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए तक की आय वालों को कोई कर नहीं देना है। अगर आपकी इनकम  5,00,001 रुपए होते ही यह टैक्सेबल होगी। 
 
ऑप्शन 1 नया टैक्स स्लैब : वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बार टैक्सपैयर को दो ऑप्शन दिए गए हैं। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अगर आपकी सालाना आय 10 लाख रुपए है तो बजट 2020 में किए गए ऐलान के अनुसार आपको नए स्‍लैब के मुताबिक टैक्‍स देना होगा।
 
आपको 2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्‍स नहीं देना होगा, वहीं 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की आय पर 12,500 रुपए और बाकी टैक्‍सेबल इनकम पर नए स्‍लैब की दरों के अनुसार टैक्स लगेगा। जैसे 5,00,001 से 7.5 लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत और बाकी पर 15 प्रतिशत टैक्‍स आपको चुकाना होगा। 
 
अगर आपकी वार्षिक आय 5 लाख रुपए ज्‍यादा है तो रिजीम-1 या कहें विकल्‍प -1 के तहत इस बार आपको निवेश, बचत या दूसरे माध्‍यमों में पूंजी लगाने से टैक्‍स बचत का लाभ लाभ नहीं मिलेगा। नए टैक्स स्लैब में 70 तरह की छूटों को समाप्त कर दिया गया है। करदाता अगर छूट लेना चाहते हैं तो पुरानी व्यवस्था का ऑप्शन ले सकते हैं।
 
पुराना टैक्स स्लैब : नए स्‍लैब के तहत 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 लाख से 10 तक पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख पर 20 प्रतिशत, 12.5 लाख से ज्यादा 25 प्रतिशत, 15 लाख से ज्‍यादा 30 प्रतिशत कर चुकाना होगा। रिजीम -2 या कहें विकल्‍प -2 में आप टैक्‍स की पुरानी व्‍यवस्‍था का चुनाव कर सकते हैं।
 
इसमें 5 लाख तक की आय टैक्‍स मुक्‍त रहेगी, लेकिन सालाना आय इससे ज्‍यादा होते ही 2.5 लाख तक की इनकम पर टैक्‍स नहीं देना होगा। बाकी आय पर टैक्‍स बचाने के लिए पहले की तरह निवेश के विकल्‍प मिलते रहेंगे। हालांकि विकल्‍प चुनने के लिए आपको अपनी कंपनी को बताना होगा।