गुरुवार, 9 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. UN News
  4. Violence & destruction in northern Rakhine
Written By UN
Last Updated : सोमवार, 20 मई 2024 (15:07 IST)

म्यांमार: राख़ीन में हिंसा व विध्वंस, मानवाधिकार ने जताई चिन्ता

म्यांमार: राख़ीन में हिंसा व विध्वंस, मानवाधिकार ने जताई चिन्ता - Violence & destruction in northern Rakhine
violence & destruction in northern Rakhine: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने म्यांमार के राख़ीन प्रान्त में स्थित बुथीदाउंग टाउनशिप में नए सिरे से हिंसा भड़कने और सम्पत्ति बर्बाद होने की ख़बरों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में कहा कि हिंसा के कारण हज़ारों लोगों को विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिनमें अधिकांश रोहिंज्या समुदाय से हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में राख़ीन प्रान्त में म्यांमार की सशस्त्र सेना और अलगाववादी गुट ‘अराकान आर्मी’ के बीच लड़ाई तेज़ हुई है।\

सेना और विरोधी गुट के बीच अनौपचारिक संघर्षविराम क़रीब एक वर्ष तक जारी रहा, मगर पिछले नवम्बर में यह टूट गया, जब राख़ीन के 17 में से 15 टाउनशिप लड़ाई की चपेट में आए।

हिंसक घटनाओं में सैकड़ों लोग हताहत हुए और लाखों लोगों विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं। साथ ही आम लोगों को बढ़ते अन्तर-सामुदायिक तनाव और युद्धरत पक्षों द्वारा जबरन सैनिक के रूप में भर्ती किए जाने का सामना करना पड़ रहा है।

बौद्ध बहुल देश म्यांमार में राख़ीन सबसे निर्धन क्षेत्रों में है और इसी प्रान्त में अधिकतर रोहिंज्या आबादी रहती है। यूएन मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार राखीन में स्थानीय समुदायों और रोहिंज्या मुसलमान आबादी के बीच अन्तर-सामुदायिक तनाव बढ़ रहा है, जिसे कथित रूप से सैन्य बलों द्वारा हवा दिए जाने की ख़बरें हैं।

म्यांमार के राख़ीन प्रान्त में सेना द्वारा वर्ष 2017 में रोहिंज्या समुदाय पर क्रूर कार्रवाई की गई थी, जिसमें कम से कम 10 हज़ार पुरुषों, महिलाओं व बच्चों की जान गई। साथ ही, रोहिंज्या समुदाय के साढ़े सात लाख से अधिक लोगों ने जान बचाने के लिए अन्य देशों का रुख़ किया, और लाखों रोहिंज्या पड़ोसी देश बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।

वोल्कर टर्क ने अपने वक्तव्य में कहा कि ये एक ऐसा नाज़ुक समय है जब अत्याचार अपराधों को फिर से अंजाम दिए जाने का जोखिम बहुत अधिक है।

अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का पालन ज़रूरी: यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने बताया कि मानवाधिकार हनन के गम्भीर मामलों में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस क्रम में म्यांमार की सेना और अलगाववादी अराकान आर्मी से लड़ाई रोके जाने और आम नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया गया है।

साथ ही ज़रूरतमन्दों तक बेरोकटोक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तुरन्त सहायता मार्ग मुहैया कराया जाना होगा, और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का पूर्ण रूप से अनुपालन करना होगा। इनमें अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) द्वारा रोहिंज्या आबादी के संरक्षण उपायों के सिलसिले में जारी किया गया आदेश भी है।

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने बांग्लादेश से अपील की है कि सम्वेदनशील हालात से जूझ रहे लोगों को संरक्षण प्रदान किया जाना होगा, और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा हरसम्भव समर्थन देना होगा।