एआई पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो यह लोकतंत्र और शान्ति के लिए हो सकता है खतरा
अन्तरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, नागरिक आज़ादी और क़ानून के राज की अहमियत को फिर से रेखांकित करने का एक अवसर है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) टैक्नॉलॉजी के बेहतर इस्तेमाल के ज़रिये लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूती देने की पुकार लगाई है।
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने रविवार 15 सितम्बर को इस दिवस पर जारी अपने सन्देश में ध्यान दिलाया कि 2024 में यह दिवस विशेष रूप से अहम है, चूंकि क़रीब आधी वैश्विक आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 से अधिक देशों में चुनाव हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में एक प्रस्ताव के ज़रिये यह दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी। यह उन सार्वभौमिक मूल्यों को बढ़ावा देने का अवसर है, जिससे आम नागरिकों के पास स्वतंत्र अभिव्यक्ति के ज़रिये अपनी राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक व्यवस्था को निर्धारित करने का अधिकार है।
इस वर्ष लोकतंत्र दिवस पर सुशासन व्यवस्था के लिए कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग किए जाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। महासचिव के अनुसार यदि एआई पर नियंत्रण नहीं रखा गया, तो इसके ग़लत इस्तेमाल में निहित ख़तरों का लोकतंत्र, शान्ति व स्थिरता पर गम्भीर असर हो सकता है।
यह ग़लत व जानबूझकर फैलाई गई भ्रामक जानकारी के प्रसार से शुरू हो सकता है और नफ़रत भरी बोली व सन्देश फैल सकते हैं और तथाकथित डीप फेक (जानबूझकर तैयार की गई झूठी सामग्री) के इस्तेमाल से
उन्होंने संस्थाओं को जवाबदेह बनाने मानवाधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने पर बल देते हुए चिन्ता जताई कि दुनिया भर में इन अधिकारों व मूल्यों पर प्रहार हो रहा है। आज़ादी का क्षरण हो रहा है। नागरिक समाज के लिए स्थान सिकुड़ रहा है और अविश्वास की भावना बढ़ रही है
एआई में निहित सम्भावनाएं : महासचिव के अनुसार एआई में सार्वजनिक भागीदारी, समानता, सुरक्षा व मानव विकास को प्रोत्साहन देने की भी सम्भावना है। इससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को जागरूक बनाया जा सकता है और पहले से अधिक समावेशी नागरिक समाज को आकार दिया जा सकता है। इसके मद्देनज़र उन्होंने हर स्तर पर जोखिमों को कम करने और लाभ उठाने के लिए एआई की कारगर संचालन व्यवस्था सुनिश्चित करने की पैरवी की है।
सन्देश स्पष्ट है: एआई को मानवता की समानतापूर्ण व सुरक्षापूर्वक सेवा करनी होगी। उनके अनुसार सितम्बर महीने में यूएन मुख्यालय में भविष्य की शिखर बैठक आयोजित की जा रही है, जोकि अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को मज़बूती देने, भरोसे का निर्माण करने और मौजूदा व भावी पीढ़ियों की रक्षा का एक अवसर है।