चुनाव आयोग के सामने क्या हैं चुनौतियां, मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया खुलासा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डीपफेक चुनाव आयोग के लिए वास्तविक चुनौती हैं तथा आयोग कानून के दायरे में रहकर इनसे निपटने की पूरी कोशिश करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि मशीन द्वारा पढ़ी जा सकने वाली मतदाता सूचियों से मतदाताओं की निजता भंग हो सकती है।
कुमार ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डीपफेक वास्तव में हमारे लिए वास्तविक चुनौतियां हैं। कल ही, एक एक्स हैंडल ने एआई-निर्मित वीडियो साझा किया था जो सच्चाई से कोसों दूर था। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, निर्वाचन आयोग ऐसी चुनौतियों से निपटने की पूरी कोशिश करेगा, लेकिन वह केवल कानून के दायरे में रहकर ही काम कर सकता है।
मशीन द्वारा पढ़ी जा सकने वाली मतदाता सूची की विपक्ष की मांग पर कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 2019 में इस संबंध में पहले ही फैसला दे चुका है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 2019 में ही कह चुका है कि इससे मतदाताओं की निजता का उल्लंघन हो सकता है। कुमार ने कहा कि कुछ दिन पहले चुनाव के दौरान वोट चोरी का दावा करने के लिए कई मतदाताओं की तस्वीरें उनकी अनुमति के बिना मीडिया में इस्तेमाल की गईं।
उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग को माताओं-बहनों समेत मतदाताओं के सीसीटीवी वीडियो साझा करने चाहिए? केवल मतदाता सूची में नाम वाले लोग ही अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया में एक करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी, बूथ स्तर के 10 लाख से ज़्यादा एजेंट और 20 लाख से ज़्यादा बूथ स्तरीय अधिकारी काम करते हैं। ऐसे में क्या वोट चोरी की कोई गुंजाइश है?भाषा Edited by : Sudhir Sharma