शुक्रवार, 2 अगस्त 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. UN News
  4. benefits of mother milk WHO UNICEF
Written By UN
Last Updated : शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 (17:57 IST)

मां का दूध बचा सकता है लाखों ज़िन्दगियां, लेकिन इस शर्त पर...

Dream Feeding
शिशुओं के लिए मां का दूध औषधि के समान होता है जिसके ज़िन्दगी और स्वास्थ्य के लिए अनेक फ़ायदे हैं। यूएन बाल कोष (UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुखों ने स्तनपान कराने को और अधिक समर्थन दिए जाने की पुकार लगाई है, जिससे स्वास्थ्य असमानता को कम करने के साथ-साथ, माताओं और शिशुओं की बेहतर ज़िन्दगी और सेहत सुनिश्चित की जा सके।

UNICEF की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल और WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर यह पुकार लगाई है। यह सप्ताह हर साल 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है। इन दोनों हस्तियों ने विश्व स्तनपान सप्ताह की शुरुआत के अवसर पर गुरूवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा है, "जब माताओं को अपने शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए आवश्यक सहायता मिलती है, तो सभी का फ़ायदा होता है”

“नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार स्तनपान दरों में सुधार होने से हर साल 8 लाख 20 हज़ार शिशुओं की जान बचाई जा सकती है।"

मां के दूध में में एंटीबॉडी होती हैं जो शिशुओं को बीमारी और मृत्यु से बचाती हैं। मां का दूध आपातकालीन परिस्थितियों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए एक सुरक्षित, पौष्टिक और सुलभ भोजन स्रोत की गारंटी देता है। इसके अलावा मां का दूध बच्चों में बीमारियों के बोझ को कम करता है और माताओं में कुछ प्रकार के कैंसर व ग़ैर-संचारी रोगों के जोखिम को भी कम करता है।

चुनौतियां और आगे का रास्ता : शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए अनुकूल माहौल और सुविधाएं मुहैया कराना एक साझी ज़िम्मेदारी है, जिसमें परिवारों, समुदायों, समाजों और सरकारों की अहम भूमिका है।

यूएन एजेंसियों के प्रमुखों ने कहा, “पिछले 12 वर्षों में छह महीने से कम उम्र के ऐसे शिशुओं की वैश्विक संख्या में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है, जिन्हें विशेष रूप से मां का दूध पिलाया जाता है। इसका मतलब है कि दुनिया भर में 48 प्रतिशत शिशुओं को जीवन की इस स्वस्थ शुरुआत का लाभ मिल रहा है”

यह स्थिति अलबत्ता 2025 तक विशेष रूप से स्तनपान को कम से कम 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के WHO के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण क़दम है, मगर अभी अनेक चुनौतियों सामने दरपेश हैं। यूएन एजेंसियों के प्रमुखों ने ये भी कहा कि अनुमानित 4.5 अरब लोगों यानि दुनिया की आधी से अधिक आबादी के पास आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ समुचित स्तर व मात्रा में उपलब्ध नहीं है।

उसके परिणामस्वरूप बहुत सी महिलाओं को अपने बच्चों को सही ढंग से स्तनपान कराने के लिए आवश्यक "प्रशिक्षित, सहानुभूतिपूर्ण और सम्मानजनक स्वास्थ्य सलाह" और परामर्श जैसी सहायता नहीं मिलती।

नीतियों में सुधार और आंकड़ों की भूमिका : मेडागास्कर में एक माँ अपने शिशु को स्तनपान कराते हुए, जिसे शिशु के जीवन की स्वस्थ शुरुआत कहा जाता है। स्तनपान कराने के अनेक फ़ायदे गिने गए हैं।

इन यूएन एजेंसी प्रमुखों ने कहा है, "स्वास्थ्य असमानताओं से निपटने और माताओं व परिवारों को समय पर प्रभावी स्तनपान सहायता प्रदान करने के लिए विश्वसनीय स्तर पर आंकड़ों का संग्रह किया जाना आवश्यक है। वर्तमान में सभी देशों में से केवल आधे देश ही स्तनपान दरों पर आंकड़े जुटा रहे हैं।”

उन्होंने कहना है, “परिवार-हितैषी रोजगार नीतियां, स्तनपान विकल्पों के विपणन का विनियमन और स्तनपान में निवेश को सम्भव बनाने वाली नीतियों पर आंकड़े उपलब्ध होने चाहिए”

एजेंसी प्रमुखों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जब स्तनपान को संरक्षण व समर्थन मुहैया कराए जाते हैं तो महिलाओं में अपने शिशुओं को स्तनपान कराने की सम्भावना दोगुनी होती है, और "यह एक साझी जिम्मेदारी है"

उन्होंने कहा कि परिवार, समुदाय, स्वास्थ्यकर्मी, नीति-निर्माता और अन्य निर्णयकर्ता सभी राष्ट्रव्यापी बजटों के माध्यम से स्तनपान की रक्षा और समर्थन करने वाले कार्यक्रमों और नीतियों में निवेश बढ़ाकर एक केन्द्रीय भूमिका निभा सकते हैं।

अन्य कार्रवाइयों में वेतन सहित मातृत्व अवकाश, स्तनपान अवकाश और सस्ती व अच्छी गुणवत्ता वाली बाल स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता जैसी परिवार-अनुकूल कार्यस्थल नीतियों को लागू करना और निगरानी करना शामिल है।

एजेंसी प्रमुखों ने यह भी आग्रह किया कि आपात स्थितियों या कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों में जो माताएं जोखिम में हैं, उन्हें नियमित स्वास्थ्य सुविधा के हिस्से के रूप में स्तनपान सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित की जाए।