ओलंपिक मेडल के लिए शूटर मनु भाकर ने अपने कोच के साथ बनाया है यह प्लान
नई दिल्ली:शूटिंग रेंज में तीन महीने से कम अभ्यास के दौरान कोच रौनक पंडित और मनु भाकर ने एक योजना बनायी है जिससे इस युवा पिस्टल निशानेबाज के ओलंपिक में पदक हासिल करने की उम्मीद बनी हुई है।
भारत के सर्वश्रेष्ठ पिस्टल निशानेबाज जसपाल राणा से कोचिंग के दौरान मनु ने विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन उनसे अलग होने के बाद वह रौनक पंडित की कोचिंग में अभ्यास कर रही हैं।
मार्च में नयी दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप के बाद मनु ने जसपाल से कोचिंग नहीं लेने का फैसला किया।क्रोएशिया में भारतीय टीम के दौरे के दौरान पंडित ने डेढ़ महीने तक मनु की अंतिम चरण की तैयारियों में अहम भूमिका निभायी।
पंडित ने 2006 में समरेश जंग के साथ जोड़ी बनाकर राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने तोक्यो से पीटीआई से कहा, हमने ढाई से तीन महीने तक ट्रेनिंग की है और उसके (मनु) लिये एक योजना बनायी है।
उन्हें मनु की काबिलियत पर पूरा भरोसा है और उनका कहना है कि काफी उम्मीदों के बावजूद न तो उन्हें और न ही इस युवा निशानेबाज को कोई परेशानी है।
उन्होंने कहा, उम्मीदों के अच्छे बुरे पहलू होते हैं लेकिन मनु 16 या 17 साल की उम्र में भी विश्व कप में निशाना लगाकर पदक जीत रही थी। वह इस तरह के दबाव और उम्मीदों की आदी है।
पंडित ने कहा, ओलंपिक से पहले वह शांत है, पूरी तरह से अपने काम पर ध्यान लगाये है। मनु 10 मीटर व्यक्तिगत और मिश्रित टीम (सौरभ चौधरी के साथ) और 25 मीटर पिस्टल तीन स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगी।
भारतीय टीम को बुधवार को अभ्यास करने का पर्याप्त समय नहीं मिला था, आधिकारिक अभ्यास गुरूवार को ही शुरू हुआ।
रौनक ने कहा, हमने कल 20-30 मिनट का ही अभ्यास किया था लेकिन आधिकारिक अभ्यास आज से ही शुरू हो पाया। गुरूवार से 50 मीटर की रेंज बंद हो गयी ताकि सभी एयर निशानेबाज पूर्ण अभ्यास कर सकें।
विभिन्न देशों के एयर राइफल निशानेबाजों ने गुरूवार को फाइनल्स के हॉल के अभ्यास किया जिसमें भारत के दिव्यांश सिंह पंवार भी शामिल थे जो 25 जुलाई को प्रतिस्पर्धा के दूसरे दिन निशाना लगायेंगे। (भाषा)