बुधवार, 18 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. तीज पर्व
  4. Hartalika teej me jagran karna chahiye ya nahi
Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 2 सितम्बर 2024 (11:51 IST)

Hariyali Teej 2024: हरतालिका तीज में महिलाएं क्यों रातभर जागती हैं, जागरण नहीं करेंगी तो क्या होगा?

Hariyali Teej 2024
Hartalika Teej Vrat 2024: भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत 06 सितंबर 2024 दिन सोमावर को किया जा रहा है। इस व्रत के कई कड़े नियम है जिसमें से एक है रात में जागरण करना। आखिर रात में जागरण क्यों करते हैं और यदि रात में सो जाएं तो क्या होगा?ALSO READ: Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज 2024 मुहूर्त टाइम
 
रात में जागरण क्यों करते हैं?
इस दिन शिवजी की आठों प्रहर पूजा होती है। दिन के चार और रात्रि के चार प्रहर पूजा होती है। इसलिए रातभर जागरण करना होता है। विशेष पूजा का प्रारंभ सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल से किया जाता है और सुबह इसका समापन होता है। इस व्रत में महिलाएं समय समय पर पूजा करती हैं और रातभर भजन एवं लोकगीत गाती रहती हैं। इस पूजा में मिट्टी में बालू मिलाकर उसका शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करते हैं।
 
तृतीया तिथि प्रारम्भ- 05 सितम्बर 2024 को दोपहर 12:21 बजे से।
तृतीया तिथि समाप्त- 06 सितम्बर 2024 को दोपहर 03:01 बजे तक।
 
प्रातःकाल हरतालिका पूजा मुहूर्त- 06:02 से 08:33 तक।
 
6 सितंबर 2024 हरतालिका शुभ मुहूर्त:-
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:30 से 05:16 तक।
प्रातः सन्ध्या: प्रात: 04:53 ए एम से 06:02 तक।
अभिजीत मुहूर्त: प्रात: 11:54 से दोपहर 12:44 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:25 से 03:15 तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:36 से 06:59 तक।
सायाह्न सन्ध्या: शाम 06:36 से 07:45 तक।
निशिता मुहूर्त: रात्रि 11:56 से 12:42 (7 सितम्बर) तक।
रवि योग: सुबह 09:25 से अगले दिन सुबह 06:02 तक।
 
कैसे करते हैं पूजा?
पूजा के दौरान बालू में मिट्टी मिलाकर शिवलिंग बनाते हैं। शिवलिंग के साथ ही गौरी और गणेशजी की पूजा भी होती है।ALSO READ: Hartalika Teej 2024: पहली बार करने जा रही हैं हरतालिका तीज व्रत, तो जान लें जरूरी बातें
 
जागरण नहीं किया तो क्या होगा?
यह भी मान्यता है कि यदि जो भी महिला एक बार इस व्रत को रखना प्रारंभ कर देती हैं तो उसे जीवनभर रखना होता है। इस व्रत में किसी भी प्रकार से अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है। ऐसी मान्यता और जनश्रुति भी है कि जिस भी तरह का भोजन या अन्य कोई पदार्थ ग्रहण कर लिया जाता है तो अन्न की प्रकृति के अनुसार उसका अगला जन्म उस योनि में ही होता है। इस दिन आठों प्रहर पूजा भी करना होती है और यह भी मान्यता है कि जो महिला सो जाती है उसे अजगर या मगरमच्छ की योनि प्राप्त होती है।ALSO READ: Hartalika teej 2024: हरतालिका तीज व्रत पर रात्रि पूजा का समय क्या है?