National Youth Day 2025: प्रतिवर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती मनाई जाती है। तथा इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है। उनका बचपन में घर का नाम नरेंद्र दत्त था। आइए जानते हैं उनकी जीवनी तथा युवा दिवस के बारे में....
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय : अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख के अनुसार विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था तथा उन्होंने 4 जुलाई 1902 को अपना देह त्याग किया था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे, जिस कारण वे अपने पुत्र नरेंद्र दत्त को अंग्रेजी पढ़ाकर पश्चिमी संस्कृति के ढंग पर चलाना चाहते थे, लेकिन सन् 1884 में ही उनके पिता की मृत्यु हो गई और उनका सपना पूरा न हो सका।
पिता के निधन के पश्चात घर का पूरा भार उन पर आ गया था, ऐसे समय में जब उनके घर की दशा बहुत दयनीय थी। लेकिन अत्यंत गरीबी में भी अतिथि सेवा की सोच रखने वाले विवेकानंद खुद भूखे रहकर मेहमान को खाना खिलाते तथा रातभर स्वयं बाहर बारिश में ठिठुरते और भीगते हुए पड़े रहते और अतिथि को अपना बिस्तर सोने के लिए दे देते थे।
विवेकानंद बालपन से ही तीव्र बुद्धि वाले थे और परमात्मा को पाने की प्रबल लालसा उनमें थी। गुरु भक्ति, गुरु सेवा और गुरु के प्रति अनन्य निष्ठा निभाते वाले विवेकानंद जी की मुलाकात रामकृष्ण परमहंस जी से हुई और तब उन्हें यह समझते देर नहीं लगी कि उनका ये शिष्य ही उनके कार्य को आगे बढ़ाएगा।
उन्हें परमहंस जी की कृपा से आत्म साक्षात्कार हुआ और वे उनके शिष्यों में सबसे प्रमुख हो गए। सतत गुरु सेवा करने वाले नरेंद्र दत्त के संन्यास लेने के बाद उनका नाम विवेकानंद हो गया और उन्होंने अपना जीवन अपने गुरुदेव स्वामी रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर दिया।
इस दिन क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय युवा दिवस: आपको बता दें कि हर साल भारत में 12 जनवरी का दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसके पीछे एक खास कारण है और वो यह कि ये दिन भारत के युवा/ नौजवानों को समर्पित खास दिन है। क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने ही राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया था और युवा वर्ग देश के भविष्य को बेहतर बनाने का खास माध्यम होने के कारण ही यह दिन अतिमहत्वपूर्ण हैं। अत: इसी कारण समस्त भारतीय युवाओं को प्रेरित करने और सकारात्मक बदलाव के जरिए उनका जीवन स्वस्थ बनाने के उद्देश्य ही यह दिन मनाया जाता है।
साथ ही भारत के महान आध्यात्मिक गुरु और विचारक के रूप में पहचाने जाने वाले विवेकानंद जी के प्रेरक उपदेश और सकारात्मक विचार भारत निर्माण हेतु आज भी प्रासंगिक हैं, जो समस्त युवा वर्ग को सही दिशा दिखाने तथा सही राह पर लाने में कारगर है। इसी वजह से स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
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