मंगलवार, 12 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. व्यापार
  3. शेयर बाजार
  4. is indian share market overbought
Last Updated : गुरुवार, 26 सितम्बर 2024 (16:10 IST)

क्या शेयर बाजार है Overbought, आ सकता है बड़ा करेक्शन?

share market
share market news : एशियाई बाजारों में तेजी के बीच गुरुवार को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गए। बीएसई सेंसेक्स 570 अंक चढ़कर 85,739 अंक पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी भी 182 अंक बढ़कर 26,186 अंक के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर जा पहुंचा। बाजार में लगातार आ रही तेजी की वजह से सवाल उठ रहा है कि क्या भारतीय शेयर बाजार Overbought है? क्या बाजार में कोई बड़ा करेक्शन आ सकता है। 
 
दलाल स्ट्रीट पर फिलहाल ओवरबॉट की स्थिति नजर आ रही है। बाजार में लगातार आ रही तेजी की वजह से मुनाफावसूली की स्थिति भी बन रही है। ऐसे में निवेशकों को सतर्कता के साथ आंखें खोलकर निवेश प्लान करने की आवश्यकता है।   
 
क्या होता है ओवरबॉट : जब कोई कंपनी या शेयर अपने उचित मूल्य से ऊपर के स्तर पर काम करती है तो यह माना जाता है कि वह ओवरबॉट है। शेयर बाजार में ओवरबॉट स्टॉक को ओवरप्राइस्ड माना जाता है। बाजार मूल्य और प्रतिभूतियों के वास्तविक मूल्य की तुलना करके, ओवरप्राइस्ड स्टॉक को आसानी से पहचाना जा सकता है। कोई स्टॉक ओवरबॉट है या नहीं, यह जानने के लिए निवेशक पी/ई अनुपात का उपयोग करते हैं।

यदि किसी स्टॉक का पी/ई उसके सेक्टर या किसी प्रासंगिक सूचकांक से ऊपर उठता है, तो निवेशक इसे अधिक मूल्यवान मान सकते हैं। 80 या उससे अधिक के RSI स्तर को ओवरबॉट माना जाता है, क्योंकि यह लगातार उच्च कीमतों के विशेष रूप से लंबे समय तक चलने का संकेत देता है। 30 या उससे कम के RSI स्तर को ओवरसोल्ड माना जाता है।
 
क्या ओवरबॉट है शेयर बाजार : शेयर बाजार विशेषज्ञ नितिन भंडारी ने कहा कि शेयर बाजार फिलहाल ओवरबॉट है। उन्होंने कहा कि जैसे अगर गाड़ी ज्यादा चल जाती है तो गरम हो जाती है। इस पर इसे रोक कर या कूलंट डाल कर ठंडा किया जाता है। ऐसा ही शेयर बाजार में भी होता है। यहां जल्द ही करेक्टिव डिक्लाइन दिखाई दे सकता है।
 
उन्होंने कहा कि निफ्टी की बात करें तो बाजार 5 अगस्त को 23893 पर था, यहां से किलकारी भरते हुए 26 सितंबर को 26186 अंक पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में मार्केट साइकिल 15 से 18 माह का होता है। ऐसे में नवंबर में भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा करेक्शन आ सकता है। फिलहाल बाजार में 23 से 38 प्रतिशत के बीच करेक्टिव डिक्लाइन दिखाई दे रही है और यह गिरकर 25250 से 25600 के बीच आ सकता है।   
 
बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने कहा कि शेयर बाजार में आज शार्ट कवरिंग थी। खाद्य तेल के दाम बढ़ गए हैं, सब्जियां महंगी हो गई है, महंगाई दर आने वाले समय में बढ़ेगी। बाजार ओवरबॉट है और यहां बहुत ज्यादा वोलेटाइल है। निवेशकों के लिए यहां प्रॉफिट बुकिंग की स्थिति बन रही है। मार्केट जब 26,000 के नीचे क्लोज होगा तब स्थितियां अलग होगी। इस स्थिति में एक करेक्शन दिखाई दे सकता है। 
 
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर को लेकर दी गई जानकारी शेयर बाजार विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। यह निवेश की सलाह नहीं है। बाजार में निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड एडवाइजर से परामर्श जरूर करें)