सेंसेक्स 266 अंक लुढ़का
मुंबई। चौतरफा बिकवाली के दबाव में गुरुवार को बीएसई का सेंसेक्स 0.84 प्रतिशत यानी 266.51 अंक लुढ़ककर 31,531.33 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.89 प्रतिशत यानी 87.80 अंक टूटकर 9,820.25 अंक पर आ गया।
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव के कारण वैश्विक स्तर पर भी एशिया और यूरोप के लगभग सभी शेयर बाजारों में गिरावट रही। इसका दबाव घरेलू शेयर बाजारों पर भी दिखा। बिकवाली का जोर इस कदर रहा कि बीएसई में जिन 2,683 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ उनमें मात्र 360 के शेयर हरे निशान में बंद हो सके। 2,214 में गिरावट रही जबकि 109 के भाव अपरिवर्तित रहे।
घरेलू शेयर बाजार में इस सप्ताह सभी चार कारोबारी दिवस गिरावट रही है। चार दिन में 794.08 प्रतिशत टूटकर सेंसेक्स 7 जुलाई के बाद के निचले स्तर पर और निफ्टी 246.15 अंक फिसलकर 12 जुलाई के बाद के निचले स्तर पर आ गया है।
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में टाटा मोटर्स ने सबसे ज्यादा 8.60 प्रतिशत का नुकसान उठाया। कंपनी के बुधवार को जारी परिणाम के अनुसार, 30 जून को समाप्त तिमाही में उसे एकल आधार पर 467 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। तिमाही में उसकी बिक्री 11.8 प्रतिशत घटी है जिससे राजस्व में भी कमी आई है। समग्र आधार पर हालांकि मुनाफा बढ़ा है, लेकिन राजस्व कम हुआ है। कंपनी ने बताया कि संयुक्त उपक्रमों और संबद्ध कंपनियों से मुनाफा 793 करोड़ रुपए घटा है जिसका प्रमुख कारण पाउंड की तुलना में रुपए की मजबूती रही है।
इसके अलावा आज ही उसने स्कोडा ऑटो के साथ संभावित करार पर बातचीत विफल रहने की भी घोषणा की। इन दोनों कारकों से कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। आईटी और टेक को छोड़कर बीएसई के अन्य 18 समूहों के सूचकांक लाल निशान में बंद हुए।
रियलिटी में पांच प्रतिशत से भी अधिक की गिरावट दर्ज की गई। स्वास्थ्य समूह के शेयर तीन फीसदी से अधिक टूटे। यूटीलिटीज, इंडस्ट्रियल्स, ऑटो और पावर समूहों में भी लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट रही। बड़ी कंपनियों की तुलना में मझोली और छोटी कंपनियों पर जबरदस्त दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 2.64 प्रतिशत लुढ़ककर 14,755.85 अंक पर और स्मॉलकैप 2.90 प्रतिशत का गोता लगाते हुए 15,181.64 अंक पर आ गया। (वार्ता)