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Last Updated : शनिवार, 27 जुलाई 2019 (00:48 IST)

64 खानों के खेल शतरंज के 64वें ग्रैंडमास्टर बने पृथु

64 खानों के खेल शतरंज के 64वें ग्रैंडमास्टर बने पृथु - Viswanathan Anand, 64th Grandmaster, Chess, Pithu Gupta
नई दिल्ली। भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के 1987 में पहला भारतीय ग्रैंडमास्टर बनने के 32 साल बाद देश को 64 खानों के इस खेल में अपना 64वां ग्रैंडमास्टर मिल गया है। 
 
दिल्ली के युवा खिलाड़ी पृथु गुप्ता ने देश का 64वां ग्रैंडमास्टर बनने की उपलब्धि हासिल कर ली है। 10वीं कक्षा के छात्र पृथु ने पुर्तगाल प्रथम डिवीजन लीग के 5वें राउंड में जर्मनी के इंटरनेशनल मास्टर लेव यांकेलेविच को हराकर 2500 की ईएलओ रेटिंग पार की और भारत के 64वें ग्रैंडमास्टर बन गए। 
 
दिल्ली शतरंज संघ ने गुरुवार रात एक समारोह में इस युवा खिलाड़ी को सम्मानित किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के सचिव भरत सिंह चौहान और पृथु के पिता मोहित गुप्ता और मां पूनम गुप्ता भी मौजूद थे। 
 
चौहान ने युवा ग्रैंडमास्टर को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस खिलाड़ी में भविष्य का विश्व चैंपियन बनने के तमाम गुण मौजूद हैं। पृथु ने भी इस अवसर पर कहा, मुझे अभी लंबा सफर तय करना है और मैं उम्मीद करता हूं कि मुझसे जो उम्मीदें लगाई गई हैं मैं उनपर खरा उतरूं। मेरा अगला लक्ष्य 2600 की ईएलओ रेटिंग पार करना है। 
 
आनंद वर्ष 1987 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने थे। उनकी इस उपलब्धि के 32 साल बाद पृथु ने देश का 64वां ग्रैंडमास्टर बनने की उपलब्धि हासिल की है। पृथु इस समय मॉडर्न स्कूल वसंत विहार में 10वीं कक्षा के छात्र हैं। उन्होंने 2018 में इंटरनेशनल मास्टर खिताब हासिल किया था। उन्होंने अपना पहला ग्रैंडमास्टर नार्म जिब्राल्टर चैस फेस्टिवल में हासिल किया था। 
 
पृथु को दूसरा ग्रैंडमास्टर नार्म जुलाई 2018 में स्विटजरलैंड में बिएल मास्टर टूर्नामेंट में मिला था। उन्होंने अपना तीसरा और अंतिम ग्रैंडमास्टर नार्म फ्रांस के पुर्तिजू में छठे इंटरनेशनल ओपन में हासिल किया था। 
 
ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल करने के लिए उन्हें 2500 की रेटिंग पार करने की जरूरत थी। उन्होंने पुर्तिजू में 17 रेटिंग अंक और पुर्तगाल लीग में 14 अंक लेकर 2500 की रेटिंग पार की और फिडे नियमों के हिसाब से ग्रैंडमास्टर बन गए। 
 
दिल्ली के इस युवा खिलाड़ी की 2013 में 1187 की रेटिंग थी और छह साल के समय में उन्होंने 2500 की रेटिंग पार की और ग्रैंडमास्टर बन गए।
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