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Last Updated : बुधवार, 17 मई 2023 (13:46 IST)

अब जंतर मंतर से प्रदर्शन को रामलीला मैदान ले जा सकते हैं पहलवान

अब जंतर मंतर से प्रदर्शन को रामलीला मैदान ले जा सकते हैं पहलवान - The focus of Wrestlers Protest to shift from Jantar Mantar to Ram Leela
Indian Wrestling Federation भारतीय कुश्ती महासंघ WFI (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवान अपने विरोध को ‘राष्ट्रीय स्तर’ पर ले जाने के लिये रामलीला मैदान का रुख करने पर विचार कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप है। बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई पहलवान पिछले 24 दिनों से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को सलाह दी कि उन्हें इस प्रदर्शन को “राष्ट्रीय आंदोलन” बनाने के लिये रामलीला मैदान जाना चाहिये।

साक्षी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हम इस पर (राम लीला मैदान में प्रदर्शन करने पर) चर्चा करेंगे और जल्द ही इस पर फैसला लेंगे।”आज़ाद सोमवार शाम जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे। अधिकारियों ने उन्हें रात में कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिये कहा, जिसके बाद वह मंगलवार को अपने अनुयायियों के साथ साइट पर लौट आए। उन्होंने पहलवानों से आग्रह किया कि वह 21 मई के बाद रामलीला मैदान में जाकर अपने आंदोलन को ‘बड़ा’ करने का आह्वान करें।

साक्षी ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि पहलवान प्रदर्शन स्थल को पूरी तरह से रामलीला मैदान में स्थानांतरित करेंगे या जंतर-मंतर पर भी आंदोलन जारी रखेंगे।विनेश ने सोमवार को कहा था कि पहलवानों को “प्रतिबंधित किया जा रहा है” और उन्हें “जंतर-मंतर पर एक कोने में धकेला जा रहा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि जंतर-मंतर पर पहलवानों पर नज़र रखी जा रही है।

भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित तदर्थ समिति ने जहां डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों से राष्ट्रीय महासंघ का प्रभार ले लिया है, वहीं पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

आजाद ने अपने भाषण में कहा, “आप लोग (पहलवान और उनके समर्थक) यहां (जंतर-मंतर पर) बैठ भी जाएं तो इसका सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चूंकि यह आपका (पहलवानों का) आंदोलन है, इसलिए हम आपका पूरे दिल से समर्थन करेंगे और आपकी ओर से कोई फैसला नहीं करेंगे, लेकिन आपको 21 मई को फैसला करना होगा कि आप यहीं बैठे रहना चाहते हैं या इसे बड़ा आंदोलन बनाना चाहते हैं।”

पहलवानों ने अधिक से अधिक लोगों से जुड़ने और बृजभूषण के हाथों कथित उत्पीड़न के बारे में उन्हें जागरूक करने के अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सोमवार को कनॉट प्लेस में एक पदयात्रा निकाली थी। उन्होंने मंगलवार को जंतर-मंतर से कनॉट प्लेस के पास हनुमान मंदिर तक जुलूस निकालकर फिर से दिल्ली की सड़कों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई।उल्लेखनीय है कि पहलवानों ने सोमवार को दूसरे देशों में ओलंपिक पदक विजेताओं और एथलीटों से संपर्क कर अपने 'आंदोलन को वैश्विक' बनाने की बात कही थी।(एजेंसी)
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