भारतीय फुटबॉल को गड्ढे से निकालने की कोशिश तेज, उच्च न्यायलय ने दिया यह निर्णय
नई दिल्ल: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के कामकाज के संचालन के लिये नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति को बर्खास्त माना जाये।समिति के अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए आर दवे थे।
न्यायालय ने कहा कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप के आयोजन और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) द्वारा एआईएफएफ पर लगाया निलंबन रद्द कराने के लिये इसने अपने पूर्व आदेश में बदलाव किया है ।
न्यायमूर्ति डी वाय चंद्रचूड और ए एस बोपन्ना ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव एक सप्ताह के लिये स्थगित कर दिये हैं ताकि मतदाता सूची में बदलाव और नामांकन प्रक्रिया की शुरूआत हो सके ।
पीठ ने कहा कि एआईएफएफ चुनाव के लिये मतदाता सूची में प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश संघों के 36 प्रतिनिधि होने चाहिये जैसा कि फीफा ने मांग की है ।न्यायालय ने फीफा से बातचीत के बाद पूर्व आदेश में बदलाव की खेल मंत्रालय की अपील पर यह आदेश दिया ।
उच्चतम न्यायालय ने कहा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के चुनाव के लिए सीओए के द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा और तपस भट्टाचार्य को अदालत द्वारा नियुक्त माना जाएगा।
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के दैनिक कामकाज को निकाय के कार्यवाहक महासचिव संभालेंगे। इसने कहा कि एआईएफएफ की कार्यकारी समिति में 23 सदस्य होंगे जिनमें छह नामचीन खिलाड़ी (दो महिला खिलाड़ी) होंगे।
न्यायालय ने 17 अगस्त को केंद्र से एआईएफएफ पर फीफा का लगाया निलंबन रद्द कराने और भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी सुनिश्चित कराने के लिये सक्रिय भूमिका निभाने को कहा था।
फीफा ने 16 अगस्त को भारत को करारा झटका देते हुए तीसरे पक्ष के गैर जरूरी दखल का हवाला देकर एआईएफएफ को निलंबित कर दिया था और यह भी कहा था कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप का आयोजन नहीं हो सकता।अंडर 17 महिला विश्व कप 11 से 30 अक्टूबर के बीच होना है।
(भाषा)