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Last Modified: बुधवार, 17 अगस्त 2022 (12:31 IST)

फीफा सस्पेंशन के बाद सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को सख्त हिदायत, 'U17 महिला विश्वकप भारत में ही हो'

फीफा सस्पेंशन के बाद सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को सख्त हिदायत, 'U17 महिला विश्वकप भारत में ही हो' - Centre keeping no stone unturned to revoke suspension imposed by FIFA
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक टाल दी है चूंकि केंद्र ने कहा है कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने को लेकर फीफा से बातचीत जारी है।

पीठ ने कहा कि अंडर 17 बच्चों के लिये यह बड़ा टूर्नामेंट है और उसे इसी से सरोकार है कि टूर्नामेंट भारत में हो। पीठ ने कहा कि कोई बाहरी इसमें दखल देगा तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पीठ ने केंद्र से इस मसले पर सक्रिय भूमिका निभाने और एआईएफएफ का निलंबन हटाने में मदद के लिये कहा।न्यायालय ने केंद्र से विश्व कप भारत में कराने और एआईएफएफ का निलंबन हटाने के लिये जरूरी उपाय करने के लिये भी कहा।

न्यायमूर्ति डी वाय चंद्रचूड, ए एस बोपन्ना और जे बी परीदवाला की पीठ को सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकार और प्रशासकों की समिति ने फीफा के साथ दो बैठकें की है और भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने के प्रयास जारी हैं ।

भारत के सम्मान का मामला है Under 17 विश्व कप की मेजबानी

केंद्र सरकार की ओर से भारत के सॉलिसिटर तुषार मेहता ने न्यायलय को इस मसले को राष्ट्रीय सम्मान से जुड़ा मामला बताते हुए कहा है कि 1-2 दिन के अंदर कोई नतीजा निकल जाएगा। सभी पक्षों से बातचीत जारी है और जल्द ही फीफा का निलंबन वापस होने की भी उम्मीद है।

उन्होंने मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा ताकि एआईएफएफ के सक्रिय पक्षों के बीच सहमति बन सके।मेहता ने कहा कि न्यायालय के यह कहने से काफी मदद मिलेगी कि सभी पक्ष मामले का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं ।

भारत को करारा झटका देते हुए विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा ने मंगलवार को तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया और उससे अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए।

भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा प्रतियोगिता की मेजबानी करनी थी।यह पिछले 85 साल के इतिहास में पहला अवसर है जबकि फीफा ने एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगाया। फीफा ने कहा था कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा ।


न्यायालय ने दिसंबर 2020 से चुनाव नहीं करवाने के कारण 18 मई को प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और एआईएफएफ के संचालन के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए आर दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति का गठन किया था। इसके बाद से ही प्रतिबंध लगने की आशंका जताई जा रही थी।

वरिष्ठ टीम नहीं खेल सकती अंतरराषट्रीय मुकाबले

गौरतलब है कि फीफा के इस निलंबन से सिर्फ अंडर 17 की मेजबानी ही नहीं छिनी गई है। बल्कि भारत की वरिष्ठ पुरुष और महिला टीम तब तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय टीम से नहीं खेल सकती जब तक यह निलंबन वापस नहीं होता।
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