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Last Updated : गुरुवार, 2 सितम्बर 2021 (16:46 IST)

टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ियों ने दिखाया दम, प्रमोद भगत पहुंचे सेमीफाइनल में

टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ियों ने दिखाया दम, प्रमोद भगत पहुंचे सेमीफाइनल में - Shuttler Pramod Bhagat inching closer to get a medal in Tokyo Paralympics
टोक्यो:दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी प्रमोद भगत ने गुरुवार को यहां टोक्यो पैरालंपिक की पुरुष एकल स्पर्धा के ग्रुप ए के अपने दूसरे मैच में युक्रेन के ओलेक्सांद्रे चिरकोव को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई जबकि देश के अन्य बैडमिंटन खिलाड़ियों ने भी उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन किया।

गत विश्व चैंपियन 33 साल के भगत ने चिरकोव को 26 मिनट में 21-12 21-9 से हराया और अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए एसएल3 वर्ग के अंतिम चार में जगह बनाई।

भगत ने कहा, ‘‘आज मैं लय में था और काफी अच्छा खेला। ओलेक्सांद्र चिरकोव अच्छा खिलाड़ी है और मैच में उसने कुछ अच्छे शॉट खेले। मुझे बेहद खुशी है कि मैं सेमीफाइनल में पहुंच गया हूं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘नॉकआउट शुरू होने के साथ अब यहां से चीजें मुश्किल होंगी। मेरा ध्यान एक बार में एक मैच पर है और मिश्रित युगल के अंतिम लीग मैच पर भी जो हमारे लिए करो या मरो का मुकाबला होगा।’’
भगत और पलक कोहली शुक्रवार को मिश्रित युगल के एसएल3-एसयू5 वर्ग में शुक्रवार को सिरिपोंग तेमारोम और निपादा सेनसुपा से भिड़ेंगे।

अन्य भारतीय खिलाड़ियों में सुहास यथिराज, तरूण ढिल्लों और कृष्ण नागर ने पुरुष एकल में अपने अभियान की शुरुआत जीत के साथ की।

सुहास और तरूण ने एसएल4 वर्ग में क्रमश: जर्मनी के येन निकलास पोट और थाईलैंड के सिरीपोंग तेमारोम के खिलाफ आसान जीत दर्ज की जबकि दूसरे वरीय नागर ने एसएच6 वर्ग में मलेशिया के तारेशॉ दिदिन को हराया।

युवा पलक ने ग्रुप ए में महिला एकल के अपने दूसरे मैच में तुर्की की जेहरा बगलार को शिकस्त दी।
पुरुष एकल के ग्रुप ए के एकतरफा मुकाबले में 38 साल के सुहास ने सिर्फ 19 मिनट में पोट को 21-9 21-3 से हराया। ग्रुप बी में 27 साल के तरूण को भी अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा और वह तेमारोम को सिर्फ 23 मिनट में 21-7 21-13 से हराने में सफल रहे।

नागर ने ग्रुप बी में कड़े मुकाबले में दिदिन को 33 मिनट में 22-20 21-10 से हराया।

अगले मुकाबले में सुहास का सामना शुक्रवार को इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो और फिर फ्रांस के शीर्ष वरीय लुकास माजुर से होगा जबकि तरूण को कोरिया के शिन क्युंग ह्वान और इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान से भिड़ना है।

बाइस साल के नागर शुक्रवार को ब्राजील के विटोर गोंजालवेज तवारेज से भिड़ेंगे।

सुहास के एक टखने में समस्या है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है।

दूसरी तरफ तरूण को आठ साल की उम्र में फुटबॉल खेलते हुए घुटने में गंभीर चोट लगी थी जिससे उनके घुटने की मूवमेंट प्रभावित हुई। वह अभी दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी और दो बार के पूर्व विश्व चैंपियन हैं।
नागर की लंबाई सामान्य से कम है और वह एसएच6 वर्ग में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप में एकल और युगल में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीते थे।

महिला एकल एसयू5 वर्ग में पलक ने जेहरा को 27 मिनट में 21-12 21-18 से हराया। भारतीय खिलाड़ी को अपने पहले मुकाबले में जापान की अयाको सुजूकी के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

इससे पहले सुबह के सत्र में 19 साल की पलक और पारूल परमार की जोड़ी को एसएल3-एसयू5 वर्ग के ग्रुप बी के महिला युगल मुकाबले में चेंग हेफांग और मा हुईहुई की चीन की दूसरी वरीय जोड़ी के खिलाफ 7-21 5-21 से हार का सामना करना पड़ा।

भारतीय जोड़ी का सामना शुक्रवार को लेनेग मोरिन और फॉस्टीन नोएल की फ्रांस की जोड़ी से होगा।

एसएल3 वर्ग में चुनौती पेश करने वाली 48 साल की पारूल महिला एकल के ग्रुप डी में चीन की चेंग हेफांग को कोई चुनौती नहीं दे पाई और 18 मिनट में 8-21 2-21 से हार गई। उन्हें आज ही जर्मनी की कैटरिन सीबर्ट का सामना करना है।

सुहास ने कहा कि वह शुक्रवार को शीर्ष वरीय और खिताब के प्रबल दावेदार माजुर के खिलाफ मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों इस मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं। पैरालंपिक से पहले टूर्नामेंटों के हमारे बीच कड़ी टक्कर रही थी और मैंने उसके खिलाफ कुछ मुकाबले गंवाए और कुछ में जीत दर्ज की। यह अच्छी चुनौती होगी।’’

सुहास ने कहा, ‘‘उसकी लंबाई के कारण कुछ शॉट ऐसे होते हैं जिसके आप आदी नहीं हैं लेकिन मैंने विशेष तौर पर इसकी ट्रेनिंग की है। मुझे यकीन है कि उसने भी मुझे ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग की होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कोच कुर्सी पर बैठ जाते थे। मुझे मूवमेंट करनी होती थी। मेरे कोच पहले एक जगह और फिर दूरी जगह शटल फेंकते थे। वास्तविक मैच अलग होता है लेकिन आप उपलब्ध चीजों के साथ ही सर्वश्रेष्ठ तैयारी कर सकते हो।’’

बैडमिंटन इस साल पैरालंपिक में पदार्पण कर रहा है।(भाषा)
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