भारत की 'शटल परी' पीवी सिंधू विश्व बैडमिंटन के सेमीफाइनल में, साई प्रणीत ने रचा इतिहास
बासेल। भारत की 'शटल परी' और गत उपविजेता पीवी सिंधू और बी. साई प्रणीत विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। 2 खिलाड़ियों के अंतिम 4 में पहुंचने के साथ ही भारत को 2 पदक मिलने तय हो गए हैं। इसी के साथ साई प्रणीत ने इतिहास भी रच दिया है।
विश्व बैडमिंटन खिताब की प्रबल दावेदार सिंधू ने रोमांचक क्वार्टर फाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त ताइपे की ताई जू यिंग को 3 गेमों में शिकस्त दी। सिंधू पहला गेम ताई के खिलाफ 12-21 से हार गई थीं लेकिन दूसरे गेम में उन्होंने जबर्दस्त वापसी की।
दूसरे गेम में दोनों ही खिलाड़ियों के बीच 1-1 अंक के लिए जमकर घमासान देखने को मिला लेकिन बाजी 23-21 से सिंधू के पक्ष में गई। यह मुकाबला कितना दिलचस्प रहा होगा, इसका अंदाज यहीं से लगता है कि दोनों के बीच 20-20 और फिर 21-21 की बराबरी थी। स्कोर 1-1 बराबर होने के बाद सिंधू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और ताई को 21-19 से शिकस्त देकर गेम पर कब्जा जमाते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। यह मुकाबला 1 घंटे और 11 मिनट तक चला।
लगातार तीसरी बार सिंधू सेमीफाइनल में : ताई जू यिंग को हराने के साथ ही पीवी सिंधू ने लगातार तीसरी बार विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। एक तरह से उनकी सेमीफाइनल में पहुंचने की यह 'हैट्रिक' है।
5वीं बार पदक जीतने की दहलीज पर सिंधू : पीवी सिंधू का विश्व बैडमिंटन करियर शानदार रहा है। वे 5वीं बार पदक जीतने की दहलीज पर हैं। इससे पूर्व भारत की यह सितारा खिलाड़ी 2017 और 2018 में रजत पदक तथा 2013 और 2014 में कांस्य पदक अपने गले में पहन चुकी हैं। इस बार देखना होगा कि वे पदक का कौन सा रंग बदलती हैं?
36 सालों के बाद साई प्रणीत ने रचा इतिहास : भारत के पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बी. साई प्रणीत ने भी इतिहास रच दिया। उन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक पक्का कर लिया। 1983 में विश्व बैडमिंटन में प्रकाश पादुकोण के कांस्य पदक जीतने के 36 साल बाद कोई भारतीय खिलाड़ी पदक का दावेदार हुआ है।
क्वार्टर फाइनल में चौथी सीड को मात दी : 16वीं वरीयता प्राप्त साई प्रणीत ने क्वार्टर फाइनल में चौथी सीड के इंडोनेशियाई खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेमों में परास्त किया। 51 मिनट तक चले इस मुकाबले को प्रणीत ने 24-22, 21-14 से जीता। सेमीफाइनल में अब प्रणीत की टक्कर विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी जापान के केंतो मोमोता से होगी।