नीरज चोपड़ा को इस मजबूरी के कारण बनना पड़ा मांसाहारी
स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को पिछले कुछ वर्षों में विदेश में ट्रेनिंग के कारण अपने आहार में मांसाहारी भोजन शामिल करने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि विदेशों में शाकाहारी भोजन आसानी से उपलब्ध नहीं था।चोपड़ा को चाय पीने का भी शौक है जबकि हरियाणवी व्यंजन चूरमा भी उन्हें पसंद है।
चोपड़ा ने मंगलवार को एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, मुझे अहसास हुआ कि विदेश में ट्रेनिंग के दौरान मुझे यह (मांसाहारी भोजन) खाने की जरूरत है। आपको भारत में बहुत सारा शाकाहारी भोजन मिलता है लेकिन बाहर नहीं। देश के बाहर प्रशिक्षण के दौरान आपको अधिकतर सप्लीमेंट लेने होते हैं।
इस 25 वर्षीय ओलंपिक और विश्व चैंपियन ने कहा, सप्लीमेंट (एक एथलीट के) पोषण की जरूरतों को पूरा करते हैं लेकिन प्राकृतिक आहार भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए मैंने मांसाहारी भोजन लेना शुरू कर दिया।
अपने एक विदेशी प्रशिक्षण को याद करते हुए उन्होंने कहा, यह तब की बात है जब मैं पोलैंड में प्रशिक्षण ले रहा था। मुझे चावल, पत्तेदार सब्जियां आदि मिलती थीं। आप कह सकते हैं कि यह वैसा ही था जैसा गांवों में भैंसें खाती हैं। चोपड़ा ने कहा कि वह सादा खाना पसंद करते हैं और इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि वजन नहीं बढ़े जैसा कि तोक्यो ओलंपिक की जीत के बाद हुआ था।
उन्होंने कहा, मुझे सादा भोजन पसंद है जैसे वेज बिरयानी, दाल चावल, दही या रायता, रोटी, पनीर आदि। मैं भारत में रहते हुए अधिकतर शाकाहारी भोजन खाता हूं।
चोपड़ा ने कहा, मुझे चाय पीना पसंद है लेकिन जब मैं विदेश में ट्रेनिंग करता हूं तो मुझे पांच-छह महीने तक चाय नहीं मिलती इसलिए मैं भारत में घर पर चाय पीता हूं और भारत में रहते हुए इसका कोटा पूरा करता हूं।
चोपड़ा ने कहा कि उन्हें चूरमा पसंद है। उन्होंने कहा, मैं थोड़ी मिठाइयां खा सकता हूं क्योंकि अभी खाली समय है। मैं पूरे साल (ट्रेनिंग के दौरान) मिठाइयां नहीं खाता। लेकिन चूरमे में देसी घी होता है और इसलिए जब आप उचित कसरत कर रहे हों तो आप इसे खा सकते हैं, अन्यथा नहीं।
(भाषा)