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Written By WD Sports Desk
Last Modified: शनिवार, 17 फ़रवरी 2024 (15:25 IST)

मैं व्यक्तिगत रूप से बजरंग, विनेश और साक्षी को ट्रायल के लिए आमंत्रित करूंगा: संजय सिंह

Sanjay Singh ने कहा कि वे बजरंग, विनेश और साक्षी से सबकुछ भूलकर ट्रायल्स की तैयारी शुरू करने और देश के लिए पदक जीतने के लिए कहेंगे

मैं व्यक्तिगत रूप से बजरंग, विनेश और साक्षी को ट्रायल के लिए आमंत्रित करूंगा: संजय सिंह - I will personally invite Bajrang, Vinesh and Sakshi for trials says sanjay Sanjay Singh
I will personally invite Bajrang, Vinesh and Sakshi for trials says sanjay Sanjay Singh :  भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह (Sanjay Singh) ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि विरोध करने वाले पहलवानों की तिकड़ी Bajrang Punia, Vinesh Phogat और Sakshi Malik को किसी भी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा और वह महाराष्ट्र में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर ट्रायल (Olympic Qualifiers trials) में हिस्सा लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क करेंगे।
 
विश्व संचालन संस्था (UWW) ने WFI (Wrestling Federation of India)  पर लगाया गया अस्थायी निलंबन इस शर्त पर हटाया कि किसी भी पहलवान के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
 
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुआई की थी। ये सभी पहलवान WFI प्रमुख के तौर पर संजय सिंह के चुनाव के भी खिलाफ हैं क्योंकि उनका कहना है कि वह बृजभूषण के समर्थक हैं जिससे उनका चुनाव महिला पहलवानों के लिए खतरा है।
 
संजय सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने भारतीय कुश्ती को आगे ले जाने की योजना बनाना शुरू कर दिया है। हम जल्द ही महाराष्ट्र में ओलंपिक क्वालीफाइंग प्रतियोगिता के लिए ट्रायल्स आयोजित करेंगे। इस राज्य में अच्छा बुनियादी ढांचा है। मैं बजरंग, विनेश और साक्षी से सबकुछ भूलकर ट्रायल्स की तैयारी शुरू करने और देश के लिए पदक जीतने के लिए कहूंगा। ’’

मलिक और पूनिया ने तो अपना विरोध दोबारा शुरू करने की धमकी भी दी थी और उन्होंने कहा कि संजय सिंह की अध्यक्षता वाला महासंघ स्वीकार्य नहीं है। यहां तक कि उन्होंने मदद मांगने के लिए UWW को लिखा भी है।
 
संजय ने कहा, ‘‘मैं इन तीनों पहलवानों को ईमेल, वाट्सएप संदेश भेजूंगा ओर जरूरत पड़ी तो मैं उन्हें फोन भी करूंगा। मैं साक्षी से उनके संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार के लिए और ओलंपिक पदक जीतने के लिए एक और प्रयास करने के लिए भी कहूंगा। ’’
 
अभी तक भारत ने महिलाओं की 53 किग्रा स्पर्धा में अंतिम पंघाल के जाइए ही पेरिस ओलंपिक कोटा (Paris Olympics Quota) हासिल किया है।
 
भारत पुरुषों के फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन और महिला कुश्ती में 17 और वजन वर्गों में क्वालीफाई कर सकता है।
 
पहलवानों के पास 19 से 21 अप्रैल तक बिश्केक में होने वाली एशियाई क्वालीफाइंग प्रतियोगिता और नौ से 12 मई तक इस्तांबुल में होने वाले विश्व क्वालीफायर के जरिये क्वालीफाई करने के दो अंतिम मौके हैं।
 
संजय ने कहा, ‘‘हमने यूडब्ल्यूडब्ल्यू को बताया कि डब्ल्यूएफआई पर निलंबन चुनाव नहीं कराने के लिए लगाया गया था और अब चुनाव हो चुके हैं तो हमारा निलंबन हट गया। हमने उन्हें बताया कि किस तरह जूनियर पहलवानों को परेशान होना पड़ रहा है और भारत उचित महासंघ नहीं होने के कारण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई वजन वर्गों में बिना तैयारी के जा रहा है। ’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने नौ फरवरी को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और यूडब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू बोर्ड से इस मामले पर चर्चा की। वे हमारे तर्क से सहमत थे और उन्होंने अस्थायी निलंबन हटा दिया। अब कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पहलवानों को किसके पास जाना चाहिए। ’’
 
संजय ने साथ ही यह भी संकेत दिया कि पुरुष और महिला दोनों के राष्ट्रीय शिविरों को नए स्थल में कराया जा सकता है।  (भाषा)
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