शंघाई में 240 मिलियन डॉलर के सर्किट पर होगी फार्मूला वन की 1000वीं रेस
शंघाई। इंग्लैंड के ग्रामीण इलाके में दूसरे विश्व युद्ध के लिए तैयार किए हवाई अड्डे पर पहली रेस से लेकर इस सप्ताहांत शंघाई के 240 मिलियन डॉलर में तैयार अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर होने वाली 1000वीं रेस तक फार्मूला वन ने लंबा रास्ता तय किया है, जिसकी शुरुआत 1950 में हुई थी।
सिल्वरस्टोन में पहली रेस 69 वर्ष पहले आयोजित की गई थी और ब्रिटिश ग्रां.प्री. तब से लेकर अब भी फार्मूला वन का हिस्सा बनी हुई है। उसके अलावा इटालियन ग्रां.प्री. ही ऐसी रेस है, जो हमेशा कैलेंडर का हिस्सा रही।
पिछले 70 सत्र में फार्मूला वन पांच महाद्वीपों के 32 देशों की यात्रा की और वियतनाम में स्ट्रीट सर्किट अगले साल इस श्रेणी में नया नाम जुड़ जाएगा।
फार्मूला वन संगठन को 2017 में अमेरिकी मीडिया की दिग्गज कंपनी लिबर्टी मीडिया ने आठ अरब डॉलर में खरीदा था और अब वह वाल स्ट्रीट में सूचीबद्ध है। एक जमाना था जबकि टायर और तेल कंपनियां ड्राइवरों की पोशाक पर 'लोगो' लगाने के लिए अपने उत्पादों को मुफ्त में वितरित करती थी।
इटली के जियुसेपी फारिना ने मई 1950 में पहली रेस जीती थी और इसके चार महीने बाद स्वदेश में विश्व चैंपियनशिप अपने नाम की थी। अब एक सत्र उससे लगभग दोगुने समय तक चलता है।
माइकल शूमाकर के नाम पर सात बार विश्व चैंपियनशिप जीतने का रिकार्ड दर्ज है और यह भी संयोग है कि उन्होंने अपनी अंतिम रेस 2006 में शंघाई में जीती थी। शूमाकर के फेरारी के साथी ब्राजीली रूबेन बारिचेलो के नाम पर सबसे अधिक रेस में भाग लेने का रिकॉर्ड है लेकिन अपने 18 साल के कॅरियर में वह कभी विश्व चैंपियनशिप नहीं बन पाए।
मौजूदा चैंपियन लुई हैमिल्टन ने पिछले साल अपना पांचवां विश्व खिताब जीता था और अब वह शूमाकर के रिकार्ड से दो खिताब दूर हैं। सेबेस्टियन वेटेल ने चार विश्व खिताब अपने नाम किए हैं।