28 सितंबर 2019 को सर्वपितृ अमावस्या है। इस दिन पितरों की स्मृति में वृक्ष भी लगाए जाते हैं। कुछ वृक्ष केवल सकारात्मक ऊर्जा देते हैं और कुछ केवल नकारात्मक। शुभ वृक्षों पर पितरों और शुभ आत्माओं का निवास माना जाता है। अगर पितृ पक्ष में शुभ वृक्ष लगाते हैं तो उनकी पितरों का विशेष आशीर्वाद मिल सकता है।
-पीपल
- पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र माना गया है।
- पितृ पक्ष में इसकी उपासना करना या इसे लगाना विशेष शुभ होता है।
- नियमित रूप से इसके नीचे दीपक जलाने से या इसमें जल डालने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
- अगर कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो पीपल जरूर लगाना चाहिए।
-बरगद
- बरगद को आयु देने वाला तथा मोक्ष देने वाला वृक्ष मानते हैं।
- अगर आयु की समस्या हो तो बरगद का वृक्ष लगाना चाहिए।
- अगर ऐसा लगता है कि पितरों की मुक्ति नहीं हुई है तो बरगद के नीचे बैठकर शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
- इसके अलावा बरगद के वृक्ष की परिक्रमा भी करनी चाहिए।
-बेल
- शिव जी को अत्यंत प्रिय यह वृक्ष मुक्ति/मोक्ष दे सकता है।
- अगर पितृ पक्ष में बेल का वृक्ष लगाया जाय तो अतृप्त आत्मा को शांति मिलती है।
- अमावस्या के दिन शिव जी को बेल पत्र और गंगाजल अर्पित करने से सभी पितरों को मुक्ति मिलती है।
- बेलपत्र पर चंदन लगाकर शिव जी को अर्पित करने से डरावने या पितरों के सपने नहीं आते।
-अशोक
- जहां अशोक होता है, वहां शोक नहीं होता।
- अशोक का वृक्ष घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती।
- इस भी सर्वपितृ अमावस्या पर लगाने से पितरों का शुभ आशीष मिलता है।
तुलसी
- कहा जाता है, तुलसी का एक पत्ता भी पितरों को वैकुंठ तक पंहुचा सकता है।
- दाह संस्कार के बाद उस स्थान पर तुलसी का पौधा लगाया जाता है।
- अगर पितृ पक्ष में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी देखभाल की जाए तो पितरों को निश्चित मुक्ति मिलती है।
- तुलसी के पौधे में नियमित जल देने से पितरों को तृप्ति मिलती है।
- तुलसी का पौधा अगर घर में फले फूले तो घर में अकाल मृत्यु की नौबत नहीं आती।