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  4. Do these 7 remedies of Garuda Purana on Sarvapitre Amavasya
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 30 सितम्बर 2024 (13:06 IST)

Sarvapitri amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर करें गरुड़ पुराण के ये 7 उपाय, फिर देखें चमत्कार

Garud puran ke upay : सर्वपितृ अमावस्या पर करें सात अचूक उपाय

Shradh paksha  AI
Shradh paksha Garud puran ke upay: 02 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन श्राद्ध पक्ष के समापन का अंतिम दिवस सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध रहेगा। इसे श्राद्ध विसर्जन और महालय भी कहते हैं। इस दिन सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने की परंपरा है। यदि कोई जातक श्राद्ध तिथि में किसी कारण से श्राद्ध न कर पाया हो या फिर श्राद्ध की तिथि मालूम न हो तो सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या पर श्राद्ध किया जा सकता है। इस दिन गरुड़ पुराण के अनुसार 7 महत्वपूर्ण कार्य जरूर करना चाहिए जिससे पितरों को मुक्ति मिलती है और हमें पितृदोष से छुटकारा। 
 
  • सर्वपितृ अमावस्या पर करें गरुड़ पुराण के उपाय
  • सर्वपितृ अमावस्या के अचूक उपाय करके पितृदोष से मुक्ति पाएं
  • सर्वपितृ अमावस्या पर दें गुड़ में घी मिलाकर उसकी धूप
 
1. सर्वपितृ अमावस्या पर पंचबलि कर्म : इस श्राद्ध में पंचबलि अर्थात इस दिन गाय, कुत्ते, कौए, देव और अंत में चींटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालने के बाद ही भोजन के लिए थाली अथवा पत्ते पर ब्राह्मण हेतु भोजन परोसना चाहिए। साथ ही जमई, भांजे, मामा, नाती और कुल खानदान के सभी लोगों को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा देने से सभी तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं।
 
2. सर्वपितृ अमावस्या पर तर्पण और पिंडदान : सर्वपितृ अवमावस्या पर तर्पण और पिंडदान का खासा महत्व है। उबले चावल में गाय का दूध, घी, गुड़ और शहद को मिलाकर पिंड बनाते हैं और उन्हें पितरों को अर्पित करके जल में विसर्जित कर देते हैं। पिंडदान के साथ ही जल में काले तिल, जौ, कुशा, सफेद फूल मिलाकर तर्पण करते हैं। पिंड बनाने के बाद हाथ में कुशा, जौ, काला तिल, अक्षत् व जल लेकर संकल्प करें।

इसके बाद इस मंत्र को पढ़े. “ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये।।'
 
3. सर्वपितृ अमावस्या पर गरूढ़ पुराण का पाठ : गरुढ़ पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है। इसीलिए यह पुराण मृतक को सुनाया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन गरुढ़ पुराण के कुछ खास अध्यायों का पाठ करें या पंडित से करवाएं।
Sarvapitri amavasya
Sarvapitri amavasya
4. सर्वपितृ अमावस्या पर दान कर्म : इस दिन गरीबों को यथाशक्ति दान देना चाहिए। जैसे छाता, जुते-चप्पल, पलंग, कंबल, सिरहाना, दर्पण, कंघा, टोपी, औषधि, धान्य, तिल, वस्त्र, स्वर्ण, घृत, लवण, गुड़, रजन, अन्न, दीप, धन दान आदि।
 
5. सर्वपितृ अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराना : सर्वपितृ अमावस्या पर पंचबलिक कर्म के साथ ही बटुक ब्राह्मण भोज कराया जाता है। बटुक यानी वे बच्चे जो वेद अध्ययन कर रहे हैं या ब्राह्मणों के छोटे बच्चों को भोजन कराया जाता है। इस दिन सभी को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा दी जाती है। ब्राह्मण नहीं मिले तो भांजा, जमाई या मित्र को भोजन कराएं। सभी का निर्व्यसनी होना जरूरी है।
 
6. सर्वपितृ अमावस्या पर गुड़ घी की धूप : 16 दिनों तक लगातार सुबह और शाम घर में मध्यान्ह काल के समय एक कंडा यानी उपला जलाएं और उस पर गुड़ में घी मिलाकर उसकी धूप दें। उस कंडे पर घर पर बना भोजन की थोड़ा अग्नि को अर्पित करें। सभी के नाम की धूप दें। 
 
7. सर्वपितृ अमावस्या पर वृक्ष का पूजन : इस दिन पीपल या बरगद के वृक्ष में जल अर्पित करके नीचे दीया लगाना चाहिए। पीपल की परिक्रमा भी करें। वहां पर चींटियों के लिए आटे में शक्कर मिलाकर अर्पित करें।