शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. श्राद्ध पर्व
  4. correct Ritual of Shraddha
Written By

श्राद्ध कर्म की सरल शास्त्रोक्त प्रामाणिक विधि

श्राद्ध कर्म की सरल शास्त्रोक्त प्रामाणिक विधि - correct Ritual of Shraddha
हर विधि का एक विधान होता है। यदि कर्मकांड को उचित विधि से किया जाए तो ही उसका सही फल प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं कि श्राद्ध कर्म की उचित शास्त्रोक्त विधि के बारे में विस्तार से...


श्राद्ध विधि : सुबह उठकर स्नान कर देवस्थान व पितृस्थान को गाय के गोबर से लीपकर व गंगा जल से पवित्र करें। घर-आंगन में रंगोली बनाएं। महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं। श्राद्ध का अधिकारी श्रेष्ठ ब्राह्मण (या कुल के अधिकारी जैसे दामाद, भतीजा आदि) को न्योता देकर बुलाएं। ब्राह्मण से पितरों की पूजा एवं तर्पण आदि कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, दही, घी एवं खीर अर्पित करें।
गाय, कुत्ता, कौआ व अतिथि के लिए भोजन से 4 ग्रास निकालें। ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं, मुखशुद्धि, वस्त्र, दक्षिणा आदि से सम्मान करें। ब्राह्मण स्वस्तिवाचन तथा वैदिक पाठ करें और गृहस्थ एवं पितर के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त करें।
पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित्त जो अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुरूप शास्त्र विधि से श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है, उसके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं,और घर, परिवार व्यवसाय तथा आजीविका में हमेशा उन्नति होती है।
ये भी पढ़ें
श्राद्ध पक्ष के इन 7 नियमों का पालन करें, पितरों को प्रसन्न करें