रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महाशिवरात्रि
  4. maha shivratri par khas
Written By

महाशिवरात्रि पर ये 7 गलतियां की तो होगा बड़ा नुकसान, नहीं मिलेगा शिव का वरदान

महाशिवरात्रि पर ये 7 गलतियां की तो होगा बड़ा नुकसान, नहीं मिलेगा शिव का वरदान - maha shivratri par khas
shiv puja


ज्योतिष शास्त्र में साधना के लिए तीन रात्रि विशेष मानी गई हैं। इनमें शरद पूर्णिमा को मोहरात्रि, दीपावली की कालरात्रि तथा महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रि कहा गया है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है। इस साल यह पर्व शुक्रवार 21 फरवरी को मनाया जाएगा। इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है। 
 
महाशिवरात्रि को इस बार 117 साल बाद फागुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को एक अद्भुत संयोग बन रहा है।
 
शनि स्वयं की राशि मकर में है और शुक्र अपनी उच्च की राशि मीन में होंगे जो कि एक दुर्लभ योग है। इस योग में भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना को श्रेष्ठ माना गया है। महाशिवरात्रि को शिव पुराण और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इस व्रत को लेकर कई नियम भी बताए गए हैं। जिनका पालन न करने पर व्यक्ति भगवान शिव की कृपा से वंचित रह जाता है। 
 
आइए जानते हैं आखिर इस पावन पर्व पर व्यक्ति को वो कौन से काम हैं जो नहीं करने चाहिए। 
 
शुभ मुहूर्त- 
महाशिवरात्रि 21 फरवरी 2020 को शाम को 5 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 22 फरवरी दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। जो श्रद्धालु मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहते है, वह इसे महाशिवरात्रि से शुरू कर सकते हैं।
 
शिव पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां
 
1-शंख जल- भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है शिव की नहीं।
 
2-पुष्प- भगवान शिव की पूजा में केसर, दुपहरिका, मालती, चम्पा, चमेली, कुन्द, जूही आदि के पुष्प नहीं चढ़ाने चाहिए।
 
3-करताल- भगवान शिव के पूजन के समय करताल नहीं बजाना चाहिए।
 
4-तुलसी पत्ता- जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती है।
 
5- काला तिल-यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
 
6-टूटे हुए चावल- भगवान शिव को अक्षत यानी साबुत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नहीं चढ़ाया जाता है।
 
7-कुमकुम- यह सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता।
ये भी पढ़ें
Holi Essay : होली का त्योहार