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Written By WD Feature Desk

Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि कैसे मनाई जाती है?

Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि कैसे मनाई जाती है? - How is Mahashivratri celebrated
Maha Shivratri puja: महाशिवरात्रि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है और इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है। कई भक्त इस दिन रात्रि जागरण भी करते हैं और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करते हैं। आइए जानते हैं यहां कैसे मनाया जाता है महाशिवरात्रि पर्व...ALSO READ: महाशिवरात्रि विशेष : शिव पूजा विधि, जानें 16 चरणों में
 
कैसे मनाएं महाशिवरात्रि : महाशिवरात्रि के दिन बहुत से लोग उपवास रखते हैं। इस दिन फलाहार किया जाता है और अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है, अत: दूध, दही, शहद, गंगाजल और बेलपत्र से शिवलिंग का अभिषेक करें। और उन्हें बेलपत्र, धतूरा, फूल आदि अर्पित किए जाते हैं।

भोलेनाथ के पूजन हेतु आप महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग को एक चौकी पर स्थापित करें। उन्हें फूल, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।ALSO READ: Maha kumbh 2025: महाकुंभ का अंतिम महास्नान होगा महाशिवरात्रि पर, जानिए महासंयोग
 
शिवरात्रि की कथा तथा शिव कथाएं पढ़ें या सुनें। बहुत से लोग इस रात जागकर भगवान शिव की भक्ति में लीन रहते हैं और भजन कीर्तन करते हैं। अत: रात्रि में जागरण करें और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त निशिता काल में होता है। यह समय रात 11 बजे से 1 बजे के बीच होता है। दूध, दही, शहद, गंगाजल और बेलपत्र से शिवलिंग का अभिषेक करें। अंत में आरती करें और भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की विनती करें। 
 
वैसे तो महाशिवरात्रि से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इस व्रत की एक पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। एक अन्य कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने हलाहल विष पीकर संसार को बचाया था। 
 
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